एक बिन्दु पर पृथ्वी के चुम्बकीय, प्रेरण का मान $7 \times {10^{ - 5}}$ वेबर/मीटर$^2$ है। इसको $5$ सेमी त्रिज्या के एक वृत्ताकार चालकीय लूप के केन्द्र में उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण द्वारा निष्क्रिय करना है। लूप में पर्याप्त विद्युतधारा का मान .......$A$ होगा
$0.56$
$5.6 $
$0.28$
$2.8$
एक कुण्डली में धारा का मान एवं लपेटों की संख्या बहुत अधिक है। इसे ऊध्र्वाधर $N-S$ तल में लटकाया गया है एवं इसमें प्रवाहित धारा दक्षिणावर्ती है। एक लघु चुम्बकीय सुई को इसके केन्द्र पर रख गया है तब चुम्बकीय सुई का उत्तरी ध्रुव स्थित होगा
एक लम्बे धारावाही तार, जिसमें $i$ धारा बह रही है, के एक भाग को $r$ त्रिज्या के वृत्त में चित्रानुसार मोड़ा गया है। केन्द्र $O$ पर कुल चुम्बकीय क्षेत्र है
दो एकसमान कुण्डलियाँ एक दूसरे के लम्बवत् इस प्रकार रखी गई हैं कि इनके केन्द्र संपाती हैं। केन्द्र पर एक कुण्डली के कारण चुम्बकीय क्षेत्र तथा दोनों कुण्डलियों के कारण परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात होगा यदि दोनों में समान धारा बह रही हो
एक सीधे तार का व्यास $0.5\, mm$ है एवं इसमें $1\, A$ की धारा बह रही है। यदि इसे $1\, mm$ व्यास वाले तार से प्रतिस्थापित कर दिया जाये जिसमें कि उतनी ही धारा बह रही है तार से बहुत दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता