कणों के एक सिस्टम का द्रव्यमान केन्द्र निर्भर नहीं करता
कणों की स्थिति पर
कणों के बीच की दूरी पर
कणों के द्रव्यमान पर
कणों पर लगने वाले बल पर
एक समान्तर चतुर्भुज की प्रत्येक भुजा की लम्बाई a है। $m, 2\, m, 3\, m$ एवं $4\, m$ द्रव्यमान के चार कण समान्तर चतुर्भुज के शीर्षों पर स्थित हैं। चतुर्भुज की दो संलग्न भुजाओं के बीच कोण $60^o$ है। यह चतुर्भुज $x-y$ तल में स्थित है, एवं m मूल बिन्दु पर एवं $4 \,m \,x-$अक्ष पर स्थित हैं। इस निकाय के द्रव्यमान केन्द्र के निर्देशांक है
किसी एकसमान ठोस शंकु के द्रव्यमान केन्द्र की उसके शीर्ष से दूरी $z_{0}$ है। यदि शंकु के आधार की त्रिज्या $R$ तथा शंकु की ऊँचाई $h$ हो तो $z_{0}$ का मान निम्नांकित में से किसके बराबर होगा ?
दो द्रव्यमान $2\,M$ व $M $ प्रारम्भ में $R$ दूरी पर हैं। परस्पर आकर्षण बल के प्रभाव में वे एक दूसरे की ओर गति करते हैं। जब उनके बीच की दूरी $R/2$ होती है। उस समय इनके द्रव्यमान केन्द्र का त्वरण होगा
$0.03 \,kg$ द्रव्यमान के लकड़ी के एक टुकड़े को एक $100 \,m$ ऊँचाई इमारत की छत से छोड़ा जाता है। उसी समय $0.02 kg$ द्रव्यमान की एक गोली को धरातल से $100\, ms ^{-1}$ की गति से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की तरफ दागा जाता है। गोली लकड़ी मे गड़ जाती है, तो इस संयुक्त निकाय द्वारा नीचे आने से पहले इमारत की शीर्ष से ऊपर तय की गयी अधिकतम ऊँचाई का मान $....\,m$ होगा। (दिया है : $g =10 \,ms ^{-2}$ )
दिये गये चित्र में तार $ABC$ एक समान है। यदि संहति-केन्द्र बिंदु $A$ के ऊध्र्वाधर नीचे स्थित है, तब $\frac{ BC }{ AB }$ लगभग है