भू-चुम्बकीय एवं भू-भौगोलिक अक्ष के मध्य कोण.....$^o$ है
$0$
$17$
$23$
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक लड़ाकू जहाज की लम्बाई $20\; m$, पंखों के सिरों के बीच दूरी $15 \;m$ तथा ऊँचाई $5 \;m$ है, और यह दिल्ली के ऊपर पूर्व-दिशा में $240\; ms ^{-1}$ गति से उड़ रहा है। दिल्ली के ऊपर पृथ्वी का चुम्बकीय-क्षेत्र $5 \times 10^{-5} \;T$ है, डिक्लिनेशन कोण $\sim 0^{\circ}$ है, तथा डिप कोण $\theta$ के लिये $\sin \theta=\frac{2}{3}$ है। यदि प्रेरित-विभव हैं : $V_{B}$ जहाज के ऊपर व नीचे के बीच ; $V_{W}$ पंखों के सिरों के बीच। तब
एक लघु चुम्बकीय सुई को $ 1\,T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में कीलकित किया गया है। जब एक $\sqrt 3 \,T$ के अन्य चुम्बकीय क्षेत्र को चुम्बकीय सुई पर, लम्बवत् दिशा में आरोपित किया जाता है तो सुई $ \theta $ कोण से विक्षेपित हो जाती है। तो $ \theta $ का मान.....$^o$ है
चुम्बकीय याम्योत्तर एवं भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को कहते हैं
एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से $20$ सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान $ 0.3$ गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण एक छड़ चुम्बक पर कार्यरत बल आघूर्ण अधिकतम होगा। यदि चुम्बक की अक्ष