पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण एक छड़ चुम्बक पर कार्यरत बल आघूर्ण अधिकतम होगा। यदि चुम्बक की अक्ष
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् है
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊध्र्वाधर घटक के समान्तर
$N-S $ दिशा से $33°$ कोण पर
पृथ्वी की $N-S$ दिशा में
चुम्बकीय मानचित्र पर आइसोगोनिक रेखाओं पर होता है
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के कारण बल रेखाएँ होती हैं
एक कम्पास सुई का चुम्बकीय आघूर्ण $60\, amp × m^2$ है, एवं किसी स्थान पर यह पृथ्वी के भौगोलिक उत्तर की ओर है। यदि इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $40\, \mu Wb/m^2$, है एवं सुई के द्वारा अनुभव किया गया बल आघूर्ण $1.2 \times {10^{ - 3}}\,N \times m$ है तो इस स्थान पर दिक्पात का कोण ......$^o$ होगा
स्टील के डिब्बे के भीतर, पृथ्वी के कारण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होती है
किसी स्थान पर, नमन कोण $30^{\circ}$ है एवं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $0.5\,G$ है। उस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का कुल परिमाण ( $G$ में) होगा -