एथिल एसीटेट के जल-अपघटन को दर्शाने वाला समीकरण है
$C{H_3}COO{C_2}{H_5} + NaOH \to C{H_3}COONa + {C_2}{H_5}OH$
प्रयोग द्वारा पाया गया कि इस अभिक्रिया के लिये
$\frac{{dx}}{{dt}} = k[C{H_3}COO{C_2}{H_5}]\,[NaOH]$ है, तब अभिक्रिया है
द्विआण्विक और प्रथम कोटि
द्विआण्विक और द्वितीय कोटि
आभासी द्विआण्विक
आभासी एकाण्विक
सुक्रोज का प्रतीपन है
एक रासायनिक अभिक्रिया $A \to B$ के लिये यह पाया गया कि $A$ का सान्द्रण चार गुना करने पर अभिक्रिया का वेग दो गुना हो जाता है। इस अभिक्रिया के लिये $ A $ की कोटि है
अभिक्रिया $2A + B \to C$ के लिये दर समीकरण $ = k[A][B]$ पाया गया। इस अभिक्रिया के संबन्ध में सत्य कथन है
अभिक्रिया, $2 A + B \rightarrow$ products के लिए, जब $A$ तथा $B$ दोनों की सान्द्रता दोगुनी की गई, तब अभिक्रिया की दर $0.3 \,mol L ^{-1} s ^{-1}$ से बढ़कर $2.4 \,mol$ $L ^{-1} S ^{-1}$ हो गयी। जब केवल $A$ की सांद्रता दोगुनी की गई तब दर $0.3 \,mol L ^{-1} s ^{-1}$ से बढ़कर $0.6 \,mol L ^{-1} S ^{-1}$ हो गई। निम्न में कौन सा कथन सत्य है?
$2 NO ( g )+ Cl _{2}( g ) \rightleftharpoons 2 NOCl ( s )$
इस अभिक्रिया का $-10^{\circ} C$ पर अध्ययन कर निम्न आंकडें प्राप्त हुए
प्रेक्षण | $[ NO ]_{0}$ | $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ | $r _{0}$ |
$1$ | $0.10$ | $0.10$ | $0.18$ |
$2$ | $0.10$ | $0.20$ | $0.35$ |
$3$ | $0.20$ | $0.20$ | $1.40$ |
$[ NO ]_{0}$ तथा $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ आरंभिक सान्द्रतायें हैं तथा $r _{0}$ आरंभिक अभिक्रिया दर है। अभिक्रिया की सम्पूर्ण कोटि है.............। (निकटतम पूर्णांक में)