एक रासायनिक अभिक्रिया $A \to B$ के लिये यह पाया गया कि $A$ का सान्द्रण चार गुना करने पर अभिक्रिया का वेग दो गुना हो जाता है। इस अभिक्रिया के लिये $ A $ की कोटि है

  • [AIIMS 1997]
  • A

    $2$

  • B

    $1$

  • C

    $0.5$

  • D

    $0$

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$2{N_2}{O_5} \to 4N{O_2}$$ + {O_2}$ अभिक्रिया के लिये दर स्थिरांक $3 \times {10^{ - 5}}$ सेकण्ड$^{ - 1}$ है। यदि अभिक्रिया का वेग $2.40 \times {10^{ - 5}}$ मोल लीटर$^{ - 1}$ सेकण्ड$^{ - 1}$ है तो ${N_2}{O_5}$ की (मोल लीटर $^{-1}$ सेकण्ड $^{-1}$ में) सान्द्रता होगी

  • [IIT 2000]

किसी विशिष्ट अभिक्रिया के लिए, वेग $= k [ A ]^2[ B ]$ है। जब $B$ की सांद्रता को स्थिर रखते हुए $A$ की प्रारंभिक सांद्रता तीन गुना की जाती है, तो प्रारंभिक वेग -

  • [NEET 2023]

अभिक्रिया $2A + B \to {A_2}B$ में अभिकारक $A $ के समाप्त होने की दर      

निम्नलिखित वेग स्थिरांकों से अभिक्रिया कोटि की पहचान कीजिए-

$(i)$ $k=2.3 \times 10^{-5}\,L mol ^{-1} s ^{-1}$

$(ii)$ $k=3 \times 10^{-4} \,s ^{-1}$

अभिक्रिया $2NO(g) + C{l_2}(g)$ $\rightleftharpoons$ $\,2NOCl(g)$ में जब $C{l_2}$ का सान्द्रण दुगना करते हैं तो अभिक्रिया वेग भी दुगना हो जाता है जब  $NO$  का सान्द्रण दुगना करते हैं तो अभिक्रिया वेग चार गुना हो जाता है। अभिक्रिया की कोटि है