एक स्पर्शज्या धरामापी में $0.1 \,A$ की धारा $30°$ का विक्षेप देती है तो ${60^o}$ का विक्षेप उत्पन्न करने के लिए आवश्यक धारा .......$A$ है
$0.2 $
$0.3$
$0.4$
$0.5 $
दो छड़ चुम्बकों की लम्बाई , चौड़ाई और द्रव्यमान समान हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $M$ और $2M$ हैं । इन्हें योग की स्थिति में दोलन चुम्बकत्वमापी में रखा जाता है तो आवर्तकाल $3$ सैकण्ड प्राप्त होता है । अन्तर की स्थिति में आवर्तकाल होगा
$M_A$ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $A $ की दोलन आवृत्ति, $M_B $ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $B$ की दोलन आवृत्ति से दुगनी है, तब
किसी कम्पन चुम्बकत्वमापी में एक छड़ चुम्बक पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक में दोलन करता है और आवर्तकाल $2$ सैकण्ड है । जब एक चुम्बक इसके समीप और समान्तर लाते हैं तो आवर्तकाल घटकर $1$ सैकण्ड रह जाता है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $H$ तथा चुम्बक के क्षेत्र $F$ का अनुपात $H/F$ होगा
$10\, mA$ की धारा प्रवाहित करने पर एक स्पर्शज्या धारामापी $45^o $ का विक्षेप दर्शाता है। यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3.6 \times {10^{ - 5}}\,T$ है, एवं कुण्डली की त्रिज्या $10\, cm$ है तो कुण्डली में फेरों की संख्या ......$turns$ होगी
चुम्बकीय याम्योत्तर में क्षैतिज रूप से लटकी छड़ चुम्बक के दोलनों का आवर्तकाल $T_0$ है यदि इस चुम्बक को एक अन्य समान आकार, समान ध्रुव सामथ्र्य लेकिन, दोगुने द्रव्यमान वाले चुम्बक से बदल दिया जाये तो नया आवर्तकाल होगा