दोलन चुम्बकत्वमापी में चुम्बक जिस चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन करता है, उसे चार गुना करने पर चुम्बक के दोलनों की आवृत्ति हो जायेगी
प्रारम्भिक मान की दुगनी
प्रारम्भिक मान की चार गुनी
प्रारम्भिक मान की आधी
प्रारम्भिक मान की आधी
स्पर्शज्या धारामापी को उपयोग करने से पहले, इसकी कुण्डली को समंजित किया जाता है
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $10 $ फेरे हैं तथा त्रिज्या $0.1\,m$ है। $60°$ के विक्षेप के लिये आवश्यक धारा ......$A$ होगी $({B_H} = 4 \times {10^{ - 5}}\,T)$
एक दोलन चुम्बकत्वमापी में किसी चुम्बक का दोलनकाल $1.5 $ सैकण्ड है । उसी आकार, आकृति व द्रव्यमान के दूसरे समान चुम्बक, जिसका चुम्बकीय आघूर्ण का मान पहले चुम्बक के मान का एक-चौथाई है, का उसी स्थान पर दोलनकाल ..... सैकण्ड होगा
दोलन चुम्बकत्वमापी का आवर्तकाल $T_0$ है। इसकी चुम्बक एक अन्य चुम्बक से बदल दी जाती है, जिसका जड़त्व आघूर्ण पहले की तुलना में $3$ गुना तथा चुम्बकीय आघूर्ण $1/3$ गुना है। अब नया आवर्तकाल होगा
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $50 $ फेरे हैं और कुण्डली की त्रिज्या $4$ सेमी है । इसमें होकर $0.1$ ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है । कुण्डली के तल को पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के समानान्तर स्थिर किया जाता है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षैतिज घटक की तीव्रता का मान $7 \times {10^{ - 5}}$ टेसला हो तथा ${\mu _0} = 4\pi \times {10^{ - 7}}$ वेबर/ऐम्पियर´$×$ मीटर हो तो धारामापी की सुई में उत्पन्न विक्षेप का मान .....$^o$ होगा