समान धारा $i = 2A$ चित्रानुसार दर्शाये गये फ्रेम में बह रही है। फ्रेम दो समबाहु त्रिभुज $ACD$ और $CDE$ को जोड़कर बनायी गयी है। प्रत्येक भुजा की लम्बाई $1\,m$ है। फ्रेम एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र $B = 4T$ के लम्बवत स्थित है। तब फ्रेम पर लगने वाले बल का परिमाण .....$N$ होगा
$24$
$0$
$16$
$8$
एक आयताकार कुण्डली में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इस कुण्डली को तार के समीप इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी एक भुजा तार के समानान्तर रहे। यदि तार में से स्थायी धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, तब कुण्डली
एक तार की लम्बाई $0.5$ मीटर है। इसमें $1.2$ ऐम्पियर की धारा बह रही है। इस तार को $2$ टेस्ला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रखा जाता है। तार पर लगने वाला बल......$N$ होगा
$40 \mathrm{~g}$ द्रव्यमान तथा $50 \mathrm{~cm}$ लम्बाई का एक सीधा तार $\mathrm{AB}$ को लचीले तार द्वारा $0.40 \mathrm{~T}$ परिमाण के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रदर्शित चित्र अनुसार लटकाया गया है। आधार से लगी लीडों का तनाव खत्म करने के लिए तार में आवश्यक धारा का परिमाण_____________$\mathrm{A}$ होगा (दिया है $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ).
एक समरूप चालक तार $ABC$ का द्रव्यमान $10\,gm$ है। इसमें से $2\,A$ की धारा प्रवाहित होने पर तार में उत्पन्न त्वरण क्या होगा, यदि तार $\mathop B\limits^ \to $ के चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित है
एक स्थिर क्षैतिज तार में $200\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है। एक अन्य तार, जिसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व ${10^{ - 2}}\,kg/m$ है, को प्रथम तार के $2\, cm$ नीचे (समान्तर) रखा गया है। यदि यह तार वायु में बिना किसी सहारे के तैरता है तो इस तार में प्रवाहित धारा का परिमाण व दिशा होंगे