एक तार की लम्बाई $0.5$ मीटर है। इसमें $1.2$ ऐम्पियर की धारा बह रही है। इस तार को $2$ टेस्ला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रखा जाता है। तार पर लगने वाला बल......$N$ होगा
$2.4$
$1.2$
$3$
$2$
एक दृढ़ तार का एक भाग $\mathrm{R}$ त्रिज्या का अर्द्धवृत्त तथा दो भाग सीधे हैं। प्रदर्शित चित्र में तार को $\mathrm{B}=\mathrm{B}_0 \hat{\mathrm{j}}$ चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत आंशिक रूप से डाला गया है। यदि तार में प्रवाहित धारा $\mathrm{i}$ हो तो इस पर लगने वाला चुम्बकीय बल है :
$9\, m$, लम्बे दो समान्तर तार $0.15\, m$ की दूरी पर स्थित हैं। यदि इनमे प्रवाहित धारा का मान व दिशा समान हो एवं परस्पर $30 \times 10^{-7}\, N$ का बल आरोपित करते हैं तब धारा का मान.......$amp$ होगा
एक धारावाही चालक लूप एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चित्रानुसार कागज के तल में लम्बवत् अन्दर की ओर है। लूप की प्रवृत्ति होगी
एक धात्विक लूप चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि इसमें धारा प्रवाहित की जाये तो
दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है