$40 \,cm$ लम्बी छड़ $A$ के सिरों का तापान्तर ${80^o}C$ तथा $60\, cm$ लम्बी दूसरी छड़ $B$ के सिरों का तापान्तर ${90^o}C$ है। दोनों छडे परस्पर बराबर अनुप्रस्थ काट की हैं। यदि दोनों छड़ों में ऊष्मा चालन की दरें परस्पर बराबर हों, तो छड़ों के पदार्थों के ऊष्मा चालकता गुणांकों का अनुपात होगा
$3:4$
$4:3$
$1:2$
$2:1$
लकड़ी का गुटका एवं लोहे का गुटका एक मनुष्य को समान रूप से ठन्डे अथवा अथवा गर्म प्रतीत होते हैं। लकड़ी एवं लोहे के गुटकों के ताप हैं
एक समान अनुप्रस्थकाट एवं $3.1$ मीटर लम्बी एक ताम्र छड़ का एक सिरा बर्फ के सम्पर्क में है, एवं दूसरा सिरा $100°C$ वाले जल में रखा है। इसकी लम्बाई के अनुदिश किस बिन्दु पर $200°C$ ताप बनाये रखा जाये, ताकि स्थायी अवस्था में जितनी मात्रा बर्फ की पिघलती है, उतनी ही मात्रा समान समयान्तराल में बनी भाप की हो। यह मानते हुए कि सम्पूर्ण निकाय एवं परिवेश के बीच ऊष्मा का कोई स्थानान्तरण नहीं होता है। बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा एवं जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्रमश: $80cal/gm$ एवं $540 cal/gm$ है
एक ही आकार के दो धात्विक घनों $A$ तथा $B$ को साथ जोड़कर रखा गया है। युग्म के अन्तिम सिरों को चित्र में दर्शाये गये तापमानों पर स्थिर रखा जाता है। यह विन्यास $(Arrangement)$ ऊष्मारोधित $(Thermally\,\, insulated)$ है। धातुओं $A$ तथा $B$ के ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमश: $300\;W/m^\circ C$ तथा $200\;W/m^\circ C$ है, तब स्थायी अवस्था में अन्तरापृष्ठ का तापमान $T $...... $^oC$ है
चित्रानुसार उष्मीय प्रतिरोध $10.0$ केल्विन $\times$ वाट $^{-1}$ की एक छड़ $CD$ को समान छड़ $AB$ के मध्य में जड़ा जाता है। $A, B$ तथा $D$ किनारों को क्रमशः $200^{\circ} C, 100^{\circ} C , 125^{\circ} C$ पर पोषित किया जाता है। $CD$ में उष्मा धारा $P$ वाट है। $P$ का मान $.....$ है।
इन्जन हौज प्रयोग के अनुसार धात्विक छड़ की ऊष्मीय चालकता $K$ तथा छड़ पर पिघले मोम की लम्बाई $l$ में सम्बन्ध है