$20$ कूलॉम आवेश को $0.2\;cm$ तक लाने में किया गया कार्य $2$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर है
$0.2$
$8$
$0.1$
$0.4$
$5$ कूलॉम का एक आवेश $0.5\,m$ से विस्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य $10$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ........$V$ होगा
बिन्दु आवेश $q$ के एक विद्युत क्षेत्र में, कोई निश्चित आवेश बिन्दु $A$ से $B$, $C$, $D$ व $E$ पर ले जाया जाता है, तो किया गया कार्य
$100\, V$ विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा होगी
एक आवेश $( - \,q)$ तथा अन्य आवेश $( + \,Q)$ क्रमश: दो बिन्दुओं $A$ व $B$ पर रखे हैं। आवेश $( + \,Q)$ को $B$ पर स्थिर रखते हुये, $A$ के आवेश $( - \,q)$ को बिन्दु $C$ तक इस प्रकार चलाते हैं कि $l$ भुजा का समबाहु त्रिभुज $ABC$ बन जाये। आवेश $( - \,q)$ को चलाने में किया गया कुल कार्य है
दिखाये गये समकोणीय समद्विबाहु त्रिभुज के कोनों पर तीन आवेश $Q + q$ तथा $+ q$ रखे गये हैं। इस विन्यास की कुल विधुतस्थैतिक ऊर्जा शून्य होगी यदि $Q$ का मान है।