एक आवेश $( - \,q)$ तथा अन्य आवेश $( + \,Q)$ क्रमश: दो बिन्दुओं $A$ व $B$ पर रखे हैं। आवेश $( + \,Q)$ को $B$ पर स्थिर रखते हुये, $A$ के आवेश $( - \,q)$ को बिन्दु $C$ तक इस प्रकार चलाते हैं कि $l$ भुजा का समबाहु त्रिभुज $ABC$ बन जाये। आवेश $( - \,q)$ को चलाने में किया गया कुल कार्य है

  • A

    $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{Qq}}{l}$

  • B

    $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{{Qq}}{{{l^2}}}$

  • C

    $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}Qql$

  • D

    शून्य

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$10$ सेमी भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन कण रखे हैं। प्रत्येक कण पर $10$ माइक्रोकूलॉम आवेश है। इस निकाय की स्थिर-वैद्युत स्थितिज ऊर्जा......जूल होगी

 (दिया है $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {10^9}$ न्यूटन-मीटर$^{2}$/कूलॉम$^{2}$)

मूल बिंदु पर एक $8 \,mC$ का आवेश अवस्थित है। $-2 \times 10^{-9}\, C$ के एक छोटे से आवेश को बिंदु $P (0,0,3\, cm )$ से, बिंदु $R (0,6\, cm , 9\, cm )$ से होकर, बिंदु $Q (0,4 \,cm , 0)$ तक ले जाने में किया गया कार्य परिकलित कीजिए

चित्रानुसार $l$ भुजा के समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन आवेश $Q,( + q)$ तथा $( + q)$ रखे गये हैं। यदि निकाय की कुल स्थिर विद्युतीय ऊर्जा शून्य हो तो $Q$ का मान है

एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा

  • [AIPMT 1999]

विरामावस्था से एक बिन्दु धन आवेश को एक एकसमान घनत्व के धनात्मक रेखीय आवेश से $r _{0}$ दूरी पर छोड़ते हैं। बिन्दु आवेश की चाल $( v )$ रेखीय आवेश से तात्क्षणिक दूरी $r$ के फलन के रूप में समानुपाती होगी :-

  • [JEE MAIN 2019]