$100\, V$ विभवान्तर से त्वरित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा होगी

  • A

    $1.6 \times {10^{ - 17}}$ $J$

  • B

    $1.6 \times {10^{21}}$ $J$

  • C

    $1.6 \times {10^{ - 29}}$ $J$

  • D

    $1.6 \times {10^{ - 34}}$ $J$

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निम्न चित्र में आयत के दो शीर्षों पर आवेश ${q_1} =  - \,5\,\mu C$ तथा ${q_2} =  + \,2.0\,\mu C$ रखे गये हैं। बिन्दु $B$ से $ + \,3.0\,\mu C$ आवेश को $A$ तक लाने में किया गया कार्य......$J$ होगा $(1/4\pi {\varepsilon _0} = {10^{10}}\,N - {m^2}/{C^2})$

$m$ द्रव्यमान के एक बिन्दु आवेश $q$ को $\ell$ लम्बाई की एक डोरी द्वारा ऊर्ध्वाधर रूप से लटकाया जाता है। अब द्विध्रुव आघूर्ण $\overrightarrow{ p }$ के एक बिन्दु द्विध्रुव को अनन्त से $q$ की ओर इस प्रकार लाया जाता है कि आवेश दूर गति करता है। द्विध्रुव की दिशा, कोणों तथा दूरियों सहित निकाय की अन्तिम साम्य स्थिति नीचे चित्र में दर्शायी गई है। यदि द्विध्रुव को इस स्थिति तक लाने में किया गया कार्य $N \times( mgh )$ है, जहाँ $g$ गुरूत्वीय त्वरण है, जब $N$ का मान. . . . . . . है। (ध्यान दीजिये की बिन्दु द्रव्यमान को साम्यावस्था में बनाए रखते हुए तीन समतलीय बलों के लिए, $\frac{ F }{\sin \theta}$ सभी बलों के लिए समान है, जहाँ $F$ कोई एक बल है तथा $\theta$ अन्य दो बलों के मध्य कोण है।)

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चित्र में $Q$ आवेश वृत्त के केन्द्र पर है। किसी अन्य आवेश को बिन्दु $P$ से ले जाने में किया गया कार्य अधिकतम होगा जब उसे ले जाया जाये $P$ से

एक $m$ द्रव्यमान तथा $e$ आवेश के प्रोटॉन को लम्बी दूरी से $\alpha$ कण की ओर $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। $\alpha$ कण शुरुआत में स्थिर अवस्था में है, परंतु गति करने के लिय स्वतंत्र है। गुरुत्व को नगण्य मानते हुए, उनकी गति की रेखा में, $\alpha$ कण और प्रोटॉन के बीच की न्यूनतम दूरी क्या होगी ?

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विरामावस्था से एक बिन्दु धन आवेश को एक एकसमान घनत्व के धनात्मक रेखीय आवेश से $r _{0}$ दूरी पर छोड़ते हैं। बिन्दु आवेश की चाल $( v )$ रेखीय आवेश से तात्क्षणिक दूरी $r$ के फलन के रूप में समानुपाती होगी :-

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