एक धातु के तार पर $1$ किग्रा/वर्ग मिमी का अनुदैध्र्य प्रतिबल आरोपित किया गया है। तार की लम्बाई में प्रतिशत वृद्धि होगी
$0.002$
$0.01$
$0.003$
$0.001$
$L$ लम्बाई तथा $r$ त्रिज्या का एक तार एक सिरे पर बँधा है। यदि इसका दूसरा सिरा $\mathrm{F}$ बल द्वारा खींचा जाता है तो इसकी लंबाई में $l$ वृद्धि होती है। प्रारम्भिक लम्बाई समान रखकर यदि तार की त्रिज्या तथा आरोपित बल दोनों घटाकर उनके मूल मानों से आधे करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी :
एक इस्पात के तार, जिसका व्यास (diameter) $0.5 \ mm$ है और यंग गुणांक (Young's modulus) $2 \times 10^{11} \ N m ^{-2}$ है, से $M$ द्रव्यमान (mass) का एक भार लटकाया जाता है। भार लटकाने के बाद तार की लम्बाई $1.0 \ m$ है। इस तार के अंत में $10$ भागों वाला एक वर्नियर पैमाना (vernier scale) लगाया जाता है। इस्पात के तार के पास एक और संदर्भ (reference) तार है जिस पर $1.0 \ mm$ अल्पतमांक (least count) वाला एक मुख्य पैमाना (main scale) लगा हुआ है। वर्नियर पैमाने के $10$ भाग मुख्य पैमाने के $9$ भागों के बराबर हैं। शुरुआत में, वर्नियर पैमाने का शून्य मुख्य पैमाने के शून्य से संपाती (coincident) है। यदि इस्पात के तार पर लटकाया गया भार $1.2 \ kg$ से बढ़ाया जाता है, तो मुख्य पैमाने के भाग से संपाती होने वाला वर्नियर पैमाने का भाग ......... है। $g=10 \ m s ^{-2}$ और $\pi=3.2$ लें।
किसी तार को बल $F$ द्वारा $0.01$ मीटर तक खींचा जाता है समान पदार्थ के अन्य तार, जिसका व्यास तथा लम्बाई पहले वाले की दो गुनी है, को समान बल लगाकर खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी
यंग प्रत्यास्थता गुणांक का मात्रक है
प्रत्यास्थता के ‘‘हुक के नियम’’ के अनुसार यदि प्रतिबल को बढ़ा दिया जाये तो प्रतिबल व विकृति का अनुपात