माना दीर्घवत्त $\frac{ x ^{2}}{9}+\frac{ y ^{2}}{1}=1$ तथा वत्त $x ^{2}+ y ^{2}=3$ के प्रथम चतुर्थाश में प्रतिच्छेदन बिन्दु पर स्पर्श रेखाओं के बीच न्यून कोण $\theta$ है। तब $\tan \theta$ बराबर है
$\frac{5}{2 \sqrt{3}}$
$\frac{2}{\sqrt{3}}$
$\frac{4}{\sqrt{3}}$
$2$
माना $E$ एक दीर्घवत्त है जिसके अक्ष, निर्देशांक अक्षों के समांतर हैं। इसका केन्द्र $(3,-4)$ पर, एक नाभि $(4,-4)$ पर तथा एक शीर्ष $(5,-4)$ पर हैं। यदि $mx - y =4, m >0$ दीर्घवत्त $E$ की एक स्पर्श रेखा है, तो $5 m ^{2}$ का मान बराबर है ......... |
मान्रा दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \mathrm{x}^2+9 \mathrm{y}^2=9$ धनात्मक $\mathrm{x}$ तथा $\mathrm{y}$ अक्षों को क्रमशः बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ पर काटता है। माना $E$ का दीर्घ अक्ष, वृत्त $C$ का एक व्यास है। माना बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ से होकर जाने वाली रेखा, वृत्त $\mathrm{C}$ को बिंदु $\mathrm{P}$ पर मिलती है। यदि, त्रिभुज जिसके शीर्ष $A, P$ तथा मूल बिंदु $O$ हैं, का क्षेत्रफल $\frac{m}{n}$ है, जहाँ $\mathrm{m}$ तथा $\mathrm{n}$ असहभाज्य हैं, तो $\mathrm{m}-\mathrm{n}$ बराबर है
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के अक्ष तथा स्पश्री के मध्य खींची गयी रेखा के मध्य बिन्दु का बिन्दुपथ होगा
दिये गए अर्ध वृत्त में एक दीर्घवृत्त को अंतर्गत किया गया है। यह दीर्घवृत्त, अर्धवृत्त के एक वृत्तीय तोरण को दो भिन्न बिंदुओं में तथा अर्धवृत्त के व्यास को छूता है। यदि दीर्घ वृत्त का दीर्घ अक्ष और अर्ध वृत्त का व्यास समानान्तर है तो, ऐसे अधिकतम क्षेत्रफल वाले दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता का मान निम्न होगा:
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{36}} + \frac{{{y^2}}}{{20}} = 1$ की नियताओं के बीच की दूरी है