एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में $ I = 100\, sin\, 200\, \pi t  $ द्वारा दर्शायी जाती है। इस परिपथ में धारा शून्य से बढ़कर उसके शिखर मान तक पहुंचने में लगा समय है

  • A

    $\frac{1}{{100}}sec$

  • B

    $\frac{1}{{200}}sec$

  • C

    $\frac{1}{{300}}sec$

  • D

    $\frac{1}{{400}}sec$

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ओरख (चित्र ) में दिखाये गये विभवान्तर $V$ का वर्ग माध्य मूल (आर.एम.एस.) मान है:

  • [AIPMT 2011]

एक $220\, V , 50\, Hz$ अनुमतांक के प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत को किसी प्रतिरोध से जोड़ा गया है। धारा को, उसके अधिकतम मान से वर्ग माध्य मूल मान में परिवर्तित होने में लगा समय होगा।

  • [JEE MAIN 2021]

किसी $ac$ स्रोत की वोल्टता व समय में $S.I$. मात्रकों में निम्न सम्बन्ध है, $V = 120\sin \,\,(100\pi t)\cos \,(100\pi )$ शीर्ष वोल्टता तथा आवृत्ति का मान होगा

यदि प्रत्यावर्ती परिपथ में वोल्टेज का शिखर मान ${E_0}$ है तो इसका वर्ग माघ्य मूल मान होगा

एक प्रत्यावर्ती वोल्टेज   = $200\sqrt 2 \sin (100\,t)$ को $1 \,mF$ धारिता के संधारित्र के साथ $ac$ अमीटर से जोड़ा गया है। अमीटर का पाठ्यांक.......$mA$ होगा