एक वर्नियर कैलीपर्स में मुख्य पैमाने का $1 \ cm , 8$ बराबर भागों में विभक्त है तथा एक पेंचमापी के वृत्ताकार पैमाने पर $100$ भाग है। वर्नियर कैलीपर्स में वर्नियर पैमाने पर $5$ समान भाग है जो मुख्य पैमाने के $4$ भागों से पूरी तरह मिलते है (संपाती होते है) । पेंचमापी में वृत्ताकार पैमाने के एक पूरे चक्कर से रेखीय पैमाने पर $2$ भागों की दूरी तय होती है। तब
$(A)$ यदि पेंचमापी का चूड़ी अन्तराल वर्नियर कैलीपर्स के अल्पतमांक का दो गुना है, तब पेंचमापी का अल्पतमांक $0.01 \ mm$ है।
$(B)$ यदि पेंचमापी का चूड़ी अन्तराल वर्नियर कैलीपर्स के अल्पतमांक का दो गुना है, तब पेंचमापी का अल्पतमांक $0.005 \ mm$ है।
$(C)$ यदि पेंचमापी के रेखीय पैमाने का अल्पतमांक वर्नियर कैलीपर्स के अल्पतमांक का दोगुना है, तो पेंचमापी का अल्पतमांक $0.01 \ mm$ है I.
$(D)$ यदि पेंचमापी के रेखीय पैमाने का अल्पतमांक वर्नियर कैलीपर्स के अल्पतमांक का दोगुना है, तो पेंचमापी का अल्पतमांक $0.005 \ mm$ है।
मापन के लिए प्रयोग किए गए, वर्नियर पैमाने में $0.2\, mm$ की धनात्मक शून्यांक त्रुटि है। मापन करते समय, यह देखा गया कि वर्नियर पैमाने पर शून्य $'0', 8.5\, cm$ और $8.6 \,cm$ के मध्य है और वर्नियर का $6$ वाँ अंश संपाती है, तो मापन का सही मान $......\,cm$ होगा। (अल्पतमांक $=0.01\, cm$)
एक चलायमान सूक्ष्मदर्शी का उपयोग काँच की पट्टिका का अपवर्तनांक ज्ञात करने के लिये किया जाता है। यदि मुख्य पैमाने पर $1\,cm$ में $40$ भाग है तथा वर्नियर पैमाने पर $50$ भाग, मुख्य पैमाने पर $49$ भाग के तुल्य है तो इस सूक्ष्मदर्शी का अल्पतमांक $..........\times 10^{-6} m$ है:
किसी स्क्रूगेज का चूड़ी अन्तराल $1 \,mm$ है तथा उसके वत्तीय पैमाने पर $100$ अंश है। जब इसके जबड़ों के बीच कुछ भी नहीं रखा है तो वत्तीय पैमाने का शून्य संदर्भ रेखा से $8$ अंश नीचे होता है। जब किसी तार को जबड़ों के बीच रखा जाता है तो रैखिक पैमाने का एक अंश स्पष्ट दिखाई देता है और वत्तीय पैमाने का $72$ वाँ अंश संदर्भ रेखा के संपाती है। तार की त्रिज्या है। ($mm$ में)
किसी छात्र ने इस्पात की लघु गेंद के व्यास की माप $0.001\, cm$ अल्पतमांक वाले स्क्रू गेज़ द्वारा की । मुख्य पैमाने की माप $5\, mm$ और वृत्तीय पैमाने का शून्य संदर्भ लेवल से $25$ भाग ऊपर है । यदि स्क्रू गेज़ में शून्यांक त्रुटि $-0.004\, cm$ है, तो गेंद का सही व्यास होगा