एक चलायमान सूक्ष्मदर्शी का उपयोग काँच की पट्टिका का अपवर्तनांक ज्ञात करने के लिये किया जाता है। यदि मुख्य पैमाने पर $1\,cm$ में $40$ भाग है तथा वर्नियर पैमाने पर $50$ भाग, मुख्य पैमाने पर $49$ भाग के तुल्य है तो इस सूक्ष्मदर्शी का अल्पतमांक $..........\times 10^{-6} m$ है:
$2$
$3$
$4$
$5$
अभिकथन $A$ : वत्तीय पैमाने के पाँच पूर्ण घूर्णन करने पर, स्क्रूगेज के मुख्य पैमाने पर चली गई दूरी $5$ $mm$ है और वत्तीय पैमाने पर $50$ डिवीजन है, तो अल्पतमांक $0.001 \,cm$ होगा।
कारण $R$ :
अल्पतमांक $=$ पिच $/$ वृत्तीय पैमाने पर कुल डिवीजन
उपरोक्त कथनानुसार, सबसे उपयुक्त विकल्प को नीचे दिए गए विकल्पों में से चुनिए :
एक स्क्रूगेज में वृत्ताकार पैमाने पर $100$ भाग हैं तथा वृत्ताकार पैमाने के एक पूर्ण घूर्णन पर मुख्य पैमाना $0.5 \mathrm{~mm}$ खिसक जाता है। जब दोनों जबड़े एक दूसरे के संपर्क में आते है, तो वृत्ताकार पैमाने का शून्य अंशाकन रेखा के नीचे $6$ भाग पर आ जाता है। जबड़ो के मध्य एक तार को रखने पर रेखिक पैमाने के $4$ भाग स्पष्ट रूप से दिखाई देते है जबकि वृत्ताकार पैमाने का $46$ वाँ भाग, संदर्भ रेखा के संपाती होता है। तार का व्यास $..........\times 10^{-2}\,mm$ है।
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए
$(a)$ आपको एक धागा और मीटर पैमाना दिया जाता है । आप धागे के व्यास का अनुमान किस प्रकार लगाएंगे ?
$(b)$ एक स्क्रूगेज का चूड़ी अंतराल $1.0\, mm$ है और उसके वृत्तीय पैमाने पर $200$ विभाजन हैं । क्या आप यह सोचते हैं कि वृत्तीय पैमाने पर विभाजनों की संख्या स्वेच्छा से बढ़ा देने पर स्क्रूगेज की यथार्थता में वृद्धि करना संभव है ?
$(c)$ वर्नियर केलिपर्स द्वारा पीतल की किसी पतली छड़ का माध्य व्यास मापा जाना है । केवल $5$ मापनों के समुच्चय की तुलना में व्यास के $100$ मापनों के समुच्चय के द्वारा अधिक विश्वसनीय अनुमान प्राप्त होने की संभावना क्यों है ?
एक स्क्रूगेज का रैचट जब बन्द रहता है, तो वत्तीय पैमाने का पाँचवां भाग संदर्भ रेखा के संपतित होता है। वत्तीय पैमाने में $50$ भाग है तथा एक पूरा चक्कर घुमाने पर मुख्य पैमाना $0.5$ मिली मीटर $( mm )$ खिसकता है। एक विशेष प्रेक्षण में मुख्य पैमाने का पाठ्यांक $5$ मिलीमीटर $( mm )$ तथा वत्तीय पैमाने का बीसवां भाग संदर्भ रेखा के संपतित है। सही पाठ्यांक की गणना कीजिए। ($mm$ में)