$10\, mA$ की धारा प्रवाहित करने पर एक स्पर्शज्या धारामापी $45^o $ का विक्षेप दर्शाता है। यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3.6 \times {10^{ - 5}}\,T$ है, एवं कुण्डली की त्रिज्या $10\, cm$ है तो कुण्डली में फेरों की संख्या ......$turns$ होगी
$5700$
$57$
$570$
$5.7$
एक दोलन चुम्बकत्वमापी में दो चुम्बक एकसाथ रखे जाते हैं और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन करते हैं । एक जैसे ध्रुवों के साथ होने पर प्रति मिनट $12 $ दोलन होते हैं, परन्तु विपरीत ध्रुवों के एक साथ होने की स्थिति में केवल $4$ दोलन हो पाते हैं । चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात होगा
किसी चुम्बक की लम्बाई इसकी मोटाई एवं चौड़ाई की तुलना में बहुत अधिक है। दोलन चुम्बकत्वमापी में इस चुम्बक के दोलन का दोलनकाल $2 \,s $ है। इस चुम्बक को लम्बाई के अनुदिश तीन बराबर टुकड़ों में तोड़कर तीनों टुकड़ों को एक के ऊपर एक इस प्रकार रखते हैं कि उनके सजातीय ध्रुव साथ-साथ हो। इस संयोजन का दोलनकाल होगा
दण्ड चुम्बक $P$ प्रयोग करने पर कम्पन चुम्बकत्वमापी का दोलनकाल $2$ सैकण्ड है । जब दण्ड $ Q$ (जो द्रव्यमान और आकार में $P$ के समान है) $P$ के ऊपर रख दिया जाता है, तो दोलनकाल में कोई परिवर्तन नहीं होता है । निम्न में से कौनसा कथन सत्य है
दो छड़ चुम्बकों की लम्बाई , चौड़ाई और द्रव्यमान समान हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $M$ और $2M$ हैं । इन्हें योग की स्थिति में दोलन चुम्बकत्वमापी में रखा जाता है तो आवर्तकाल $3$ सैकण्ड प्राप्त होता है । अन्तर की स्थिति में आवर्तकाल होगा
जब $2$ ऐम्पियर की धारा स्पर्शज्या धारामापी से प्रवाहित होती है तो यह $30° $ का विक्षेप देता है। $60° $ के विक्षेप के लिए धारा ......ऐम्पियर होनी चाहिए