अभिक्रिया $2A + B \to {A_2}B$ में अभिकारक $A $ के समाप्त होने की दर
$B$ के घटने की दर की आधी है
$B $ के घटने की दर के समान है
$B$ के घटने की दर की दो गुनी है
${A_2}B$ के उत्पादन की दर के समान है
अभिक्रिया के बलगतिकी अध्ययन के दौरान निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए
$2A+B$ $\to$ उत्पाद
प्रयोग |
$[A]$ ($mol\, L^{-1})$ |
$[B]$ ($mol\, L^{-1})$ |
प्रतिक्रिया की प्रांरभिक दर ($mol\, L^{-1}\,min^{-1})$ |
$I$ | $0.10$ | $0.20$ | $6.93 \times {10^{ - 3}}$ |
$II$ | $0.10$ | $0.25$ | $6.93 \times {10^{ - 3}}$ |
$III$ | $0.20$ | $0.30$ | $1.386 \times {10^{ - 2}}$ |
वह समय-जब $A$ की सांद्रता आधी होती है, वह है-(मिनिट में)
अर्द्ध-आयु $({t_{1/2}})$ और प्रारम्भिक सान्द्रता $ 'a' $ के बीच ग्राफ खींचने पर किस कोटि की अभिक्रिया के लिये $X-$ अक्ष के सापेक्ष एक सरल रेखा प्राप्त होती है
अणु $X$ का $Y$ में रूपांतरण द्वितीय कोटि की बलगतिकी के अनुरूप होता है। यदि $X$ की सांद्रता तीन गुनी कर दी जाए तो $Y$ के निर्माण होने के वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
निम्न अभिक्रियाओं के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए।
$C _{2} H _{5} Cl ( g ) \rightarrow C _{2} H _{4}( g )+ HCl ( g ) \quad$ वेग $=k\left[ C _{2} H _{5} Cl \right]$
सुक्रोज का प्रतीपन है