किसी सर्कस में एक मानवीय पिरैमिड में एक संतुलित गुप का सारा भार एक व्यक्ति, जो अपनी पीठ के बल लेटा हुआ है, के पैरों पर आधारित है ( जैसा चित्र में दिखाया गया है) इस कार्य का निष्यादन करने वाले सभी व्यक्तियों, मेजों, प्लाकों आदि का कुल द्रव्यमान $280\, kg$ है। पिरैमिड की तली पर अपनी पीठ के बल लेटे हुए व्यक्ति का द्रव्यमान $60 \,kg$ है। इस व्यक्ति की प्रत्येक उर्वस्थि ( फीमर) की लंबाई $50 \,cm$ तथा प्रभावी त्रिज्या $2.0\, cm$ है। निकालिए कि अतिरिक्त भार के कारण प्रत्येक उर्वस्थि कितनी मात्रा से संपीडित हो जाती है।
Answer Total mass of all the performers, tables,
$\text { plaques etc. } \quad=280 kg$
Mass of the performer $=60 kg$ Mass supported by the legs of the performer at the bottom of the pyramid
$=280-60=220 kg$
Weight of this supported mass
$=220 kg wt .=220 \times 9.8 N =2156 N$
Weight supported by each thighbone of the performer $=1 / 2(2156) N =1078 N$
the Young's modulus for bone is given by
$Y=9.4 \times 10^{9} N m ^{-2}$
Length of each thighbone $L=0.5 m$ the radius of thighbone $=2.0 cm$ Thus the cross-sectional area of the thighbone
$A=\pi \times\left(2 \times 10^{-2}\right)^{2} m ^{2}=1.26 \times 10^{-3} m ^{2}$
the compression in each thighbone $(\Delta L)$ can be computed as
$\Delta L =[(F \times L) /(Y \times A)]$
$=\left[(1078 \times 0.5) /\left(9.4 \times 10^{9} \times 1.26 \times 10^{-3}\right)\right]$
$=4.55 \times 10^{5} m \text { or } 4.55 \times 10^{-3} cm .$
This is a very small change! The fractional decrease in the thighbone is
$\Delta L / L=0.000091$ or $0.0091 \%$
जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी
रबर की डोरी से बनी एक गुलेल की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $25$ मिलीमीटर$^2$ है एवं रबर की डोरी की लम्बाई $10$ सेमी है। $5$ ग्राम के एक कंकड़ को फेंकने के लिए इसे $5$ सेमी तक खींचा जाता है, फिर छोड़ दिया जाता है। प्रक्षेपित कंकड़ का वेग ......... $ms^{-1}$ है $({Y_{rubber}} = 5 \times {10^8}N/{m^2})$
$L$ लम्बाई तथा $r$ त्रिज्या का एक तार एक सिरे पर बँधा है। यदि इसका दूसरा सिरा $\mathrm{F}$ बल द्वारा खींचा जाता है तो इसकी लंबाई में $l$ वृद्धि होती है। प्रारम्भिक लम्बाई समान रखकर यदि तार की त्रिज्या तथा आरोपित बल दोनों घटाकर उनके मूल मानों से आधे करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी :
तनाव $T_{1}$ होने पर किसी धातु तार की लम्बाई $\ell_{1}$ और तनाव $T _{2}$ होने पर उसकी लम्बाई $\ell_{2}$ है। इस तार की प्राकृत लम्बाई है।
$10\, cm$ लम्बाई के एक स्टील के तार के सिरों पर जब तापमान में $100^{\circ} C$ की वृद्धि की जाती हैं तब इसकी लम्बाई स्थिर रखने के लिये सिरो पर लगाया गया दाब है :
$($ स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times 10^{11} \,N\, m ^{-2}$ और रेखिक प्रसार गुणांक $1.1 \times 10^{-5} \,K ^{-1}$ हैं $)$