किसी बन्दूक से $V$ वेग से छोड़ी गई गोली की क्षैतिज परास $R$ है तब बन्दूक का क्षैतिज से कोण होगा
${\cos ^{ - 1}}\left( {\frac{{{V^2}}}{{Rg}}} \right)$
${\cos ^{ - 1}}\left( {\frac{{gR}}{{{V^2}}}} \right)$
$\frac{1}{2}\left( {\frac{{{V^2}}}{{Rg}}} \right)$
$\frac{1}{2}{\sin ^{ - 1}}\left( {\frac{{gR}}{{{V^2}}}} \right)$
पानी का एक फव्वारा धरती पर चारों तरफ पानी छिड़कता है। यदि फव्वारे से निकल रहे पानी की चाल $v$ है, तब फब्वारें के चारों तरफ गीला होने वाला अधिकतम कुल क्षैत्रफल हैं:
समान ऊँचाई से एक गोली क्षैतिज दिशा में दागी जाती है तथा दूसरी गोली ठीक नीचे की ओर छोड़ दी जाती है। ये जमीन से टकरायेंगी
एक प्रक्षेप्य के लिए, अधिकतम ऊँचाई एवं उड्डयन काल के वर्ग का अनुपात है ($g = 10 ms^{-2}$)
कोई गोली क्षैतिज से $30^{\circ}$ के कोण पर दागी गई है और वह धरातल पर $3.0\, km$ दूर गिरती है । इसके प्रक्षेप्य के कोण का समायोजन करके क्या $5.0\, km$ दूर स्थित किसी लक्ष्य का भेद किया जा सकता है ? गोली की नालमुख चाल को नियत तथा वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए |
एक गेंद जिसकी गतिज ऊर्जा E है, क्षैतिज से $45°$ पर फेंकी जाती है। इसकी उड़ान के दौरान उच्चतम बिन्दु पर गतिज ऊर्जा होगी