यदि समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी आधी कर दी जाये एवं परावैद्युतांक दो गुना कर दें तो धारिता हो जायेगी

  • A

    $16$ गुना बढ़ेगी

  • B

    $4$ गुना बढ़ेगी

  • C

    $2$ गुना बढ़ेगी

  • D

    अपरिवर्तित रहेगी

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समान्तर प्लेट संधारित्रों के एक संयोजन को एक निश्चित विभवान्तर पर रखा गया है। (चित्र देखिये)

जब $3\; mm$ मोटे गुटके को सभी संधारित्रों की प्लेटों के बीच डाला जाता है, तो वही विभवान्तर बनाये रखने के लिए प्लेटों के बीच की दूरी को $2.4\; mm$ से बढ़ाना पड़ता है। गुटके का परावैद्युतांक होगा

  • [JEE MAIN 2017]

किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र, जिसमें माध्यम के रूप में वायु भरी है, की धारिता $6\, \mu F$ है। कोई परावैधुत माध्यम भरने पर इसकी धारिता $30\, \mu F$ हो जाती है। इस माध्यम का परावैधुतांक .......... $C ^{2} N ^{-1} m ^{-2}$ है।

$\left(\epsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12} \,C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right)$

  • [NEET 2020]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य $d$ मोटाई की परावैद्युत पट्टी रखी जाती है। संधारित्र की ऋणात्मक प्लेट $x = 0$ पर है तथा धनात्मक प्लेट $x = 3d$ पर है। परावैद्युत पट्टी की दोनों प्लेटों से दूरी समान है। संधारित्र को फिर आवेशित किया जाता है। जैसे-जैसे $x$ का मान $0$ से $3d$ हो जायेगा

  • [IIT 1998]

दो एक समान आवेशित गोलों का समान लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक दूसरे से $37^{\circ}$ का कोण बनाती हैं। जब इन्हें $0.7$ ग्राम/सेमी. ${ }^3$, घनत्व के किसी द्रव में डुबाया जाता है, तो उनके बीच बना कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.4$ग्राम/सेमी. ${ }^3$ हो, तो द्रव का परावैद्युतांक. . . . . . . . होगा। $\left(\tan 37^{\circ}=\frac{3}{4}\right)$.

  • [JEE MAIN 2024]

दिये गये चित्र के अनुसार, समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच मिश्र परावैद्युत माध्यम रखे हैं। इस प्रकार बने संधारित्रों की धारिता का व्यंजक होगा