किन्हीं दो स्थानों के नमन कोण क्रमश: $30° $ तथा $45° $ हों, तो उन स्थानों पर पृथ्वी के चुम्बकत्व के क्षैतिज घटकों का अनुपात होगा
$\sqrt 3 :\sqrt 2 $
$1:\sqrt 2 $
$1:\sqrt 3 $
$1:2$
एक चुम्बक को चुम्बकीय यामोत्तर (मेरीडियन) से $45^{\circ}$ का कोण बनाते हुए लटकाया गया है, जो कि क्षैतिज से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है। नमन कोण का वास्तविक मान है
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक ${B_0}$ और ऊध्र्वाधर घटक ${V_0}$ परिमाण में बराबर हैं। उस स्थान पर संपूर्ण तीव्रता का मान होगा
एक लंबे, सीधे, क्षैतिज केबल में, $2.5\, A$ धारा, $10^{\circ}$ दक्षिण-पश्चिम से $10^{\circ}$ उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित हो रही है। इस स्थान पर चुंबकीय याम्योत्तर भौगोलिक याम्योत्तर के $10^{\circ}$ पश्चिम में है यहाँ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.33 \,G$ एवं नति कोण शून्य है। उदासीन बिंदुओं की रेखा निर्धारित कीजिए। ( केबल की मोटाई की उपेक्षा कर सकते हैं)।
( उदासीन बिंदुओं पर, धारावाही केबल द्वारा चुंबकीय क्षेत्र, पृथ्वी के क्षैतिज घटक के चुंबकीय क्षेत्र के समान एवं विपरीत दिशा में होता है।)
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण एक छड़ चुम्बक पर कार्यरत बल आघूर्ण अधिकतम होगा। यदि चुम्बक की अक्ष
भू-चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का क्षैतिज घटक शून्य होता है