यदि गुणोत्तर श्रेणी का चौथा, सातवाँ और दसवाँ पद क्रमश: $a, b$ और $c$ हों, तो $a,\;b,\;c$ में सम्बन्ध होगा
$b = \frac{{a + c}}{2}$
${a^2} = bc$
${b^2} = ac$
${c^2} = ab$
ऐसी $3$ संख्याएँ ज्ञात कीजिए जिनको $1$ तथा $256$ के बीच रखने पर प्राप्त अनुक्रम एक गुणोत्तर श्रेणी बन जाए।
यदि गुणोत्तर श्रेणी के अनन्त पदों का योग $S$ है जिसका प्रथम पद $a$ है, तब प्रथम $n$ पदों का योगफल है
एक अनुक्रम $ < {a_n} > \;$ के लिये ${a_1} = 2$ तथा $\frac{{{a_{n + 1}}}}{{{a_n}}} = \frac{1}{3}$, तब $\sum\limits_{r = 1}^{20} {{a_r}} $ है
यदि धनात्मक पदों की एक गुणोत्तर श्रेढ़ी के दूसरे, तीसरे तथा चौथे पदों का योगफल $3$ है तथा इसके छठे, सातवें और आठवें पदों का योगफल $243$ है, तो इस गुणोत्तर श्रेढ़ी के प्रथम $50$ पदों का योगफल है
किसी गुणोत्तर श्रेणी में $S , n$ पदों का योग, $P$ उनका गुणनफल तथा $R$ उनके व्युत्क्रमों का योग हो तो सिद्ध कीजिए कि $P ^{2} R ^{n}= S ^{n}$.