किसी ग्रह के उपग्रह का द्रव्यमान तथा त्रिज्या दोनों पृथ्वी के द्रव्यमान तथा त्रिज्या के आधे हैं, तो इसकी सतह पर गुरुत्वीय त्वरण ........... $m/{\sec ^2}$ होगा (पृथ्वी पर $g = 9.8$ मी/सै$^2$)

  • A

    $4.9$

  • B

    $8.9$

  • C

    $19.6$

  • D

    $29.4$

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एक पिण्ड के पृथ्वी तथा एक दूसरे ग्रह की सतह पर भारों का अनुपात $9: 4$ हैं। दूसरे ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का $\frac{1}{9}$ है। यदि पृथ्वी की त्रिज्या $'R'$ है तो ग्रह की त्रिज्या क्या होगी ? (माना कि दोनों ग्रहों का द्रव्यमान घनत्व समान है)

  • [JEE MAIN 2019]

पृथ्वी का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहते हुये यदि त्रिज्या $2\% $ कम हो जाए तब, इसकी सतह पर स्थित वस्तु का भार

यदि पृथ्वी की त्रिज्या $\mathrm{R}$ तथा पृथ्वी तल पर गुरूत्वीय त्वरण $\mathrm{g}=\pi^2 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ हो तब पृथ्वी तल से $\mathrm{h}=2 \mathrm{R}$ ऊँचाई पर सेकंड लोलक की लम्बाई होगी :

  • [JEE MAIN 2024]

यदि पृथ्वी की त्रिज्या $1.5\%$ कम हो जाए तब गुरुत्वीय त्वरण के मान में ....... $(\%)$ प्रतिशत परिवर्तन होगा (द्रव्यमान नियत रहेगा)

एक ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण $4$ प्रतिशत यर्थाथता तक पाया जाता है। उस ग्रह पर $m$ द्रव्यमान के सरल लोलक को $T$ आवर्तकाल से दोलन कराने के लिए दी गई ऊर्जा की गणना की जाती है। यदि आवर्तकाल $3$ प्रतिशत यर्थाथता से मापा जाता है, तो ऊर्जा $E$ की यर्थाथता प्रतिशत पायी जाती है।

  • [JEE MAIN 2021]