प्रत्येक ग्रह सूर्य के परितः दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में गति करता है।
$A.$ ग्रह पर लगने वाला बल सूर्य से दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$B.$ ग्रह पर लगने वाला बल ग्रह तथा सूर्य के द्रव्यमानों के गुणनफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$C.$ ग्रह पर कार्यरत अभिकेन्द्रीय बल की दिशा सूर्य से बाहर की ओर होती है।
$D.$ सूर्य के परितः ग्रह के परिक्रमण काल का वर्ग दीर्घवृत्ताकार कक्षा के अर्द्ध दीर्घ अक्ष के घन के सीधे अनुक्रमानुपाती होता है।
नीचे दिए गए विकल्पों से सही उत्तर चुनिए विकल्प :
केवल $\mathrm{A}$ और $\mathrm{D}$
केवल $\mathrm{C}$ और $\mathrm{D}$
केवल $\mathrm{B}$ और $\mathrm{C}$
केवल $\mathrm{A}$ और $\mathrm{C}$
पृथ्वी के एक उपग्रह का परिक्रमण काल $5$ घण्टे है। यदि पृथ्वी तथा उपग्रह के बीच की दूरी प्रारम्भिक दूरी की चार गुनी कर दी जाये, तो नया परिक्रमण काल हो ........ घण्टे जायेगा
सूर्य के परित: दो ग्रह प्रतिवर्ष ${N_1}$ तथा ${N_2}$ चक्कर लगाते हैं। यदि इनकी कक्षाओं की औसत त्रिज्यायें क्रमश: ${R_1}$ तथा ${R_2}$ हों, तो ${R_1}/{R_2}$ बराबर होगा
दो ग्रह सूर्य से ${d_1}$ एवं ${d_2}$ माध्य दूरियों पर हैं तथा इनकी आवृत्तियाँ क्रमश: ${n_1}$ तथा ${n_2}$ हैं तब सही सम्बन्ध होगा
किसी ग्रह की सूर्य से दूरी, पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की दूरी की $5$ गुनी है। ग्रह का आवर्तकाल होगा
नेपच्यून एवं शनि की सूर्य से दूरियाँ क्रमश: ${10^{13}}$ एवं ${10^{12}}$ मीटर के लगभग हैं। माना कि ये वृत्तीय मार्ग में गति करते हैं तब उनके परिक्रमण कालों का अनुपात होगा