किसी दिए गए धातु के तार की वैध्युत प्रतिरोधकता निर्भर करती है तार
की लंबाई पर
की मोटाई पर
के पदार्थ की प्रकृति पर
की आकृति पर
$2\, \Omega$ के तीन प्रतिरोधक $A , B ,$ तथा $C$ नीचे चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। इनमें प्रत्येक ऊर्जा क्षय करता है तथा बिना पिघले $18\, W$ की अधिकतम शक्ति सहन कर सकता है। तीनों प्रतिरोधकों से प्रवाहित हो सकने वाली अधिकतम धारा ज्ञात कीजिए।
वैध्युत प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? किसी श्रेणी विध्युत परिपथ में, जिसमें धातु के तार से बना प्रतिरोधक संयोजित है, ऐमीटर का पाठयांक $5\,A$ है। तार की लंबाई दोगुनी करने पर ऐेमीटर का पाठयांक घटकर आधा रह जाता है। क्यों?
चित्र में दर्शाए अनुसार तीन विध्युत परिपथों में कोई सेल, प्रतिरोधक, कुंजी तथा ऐमीटर भिन्न प्रकार से व्यवस्थित हैं। ऐमीटर द्वारा रिकार्ड की गयी धारा:
उस परिपथ (चित्र) को पहचानिए जिसमें वैध्युत अवयव उचित प्रकार से संयोजित हैं:
निम्न परिपथों (चित्र) में $12\, V$ बैटरी से जुड़े प्रतिरोधक अथवा प्रतिरोधकों के संयोजन में उत्पन्न ऊष्मा होगी: