वैध्युत प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? किसी श्रेणी विध्युत परिपथ में, जिसमें धातु के तार से बना प्रतिरोधक संयोजित है, ऐमीटर का पाठयांक $5\,A$ है। तार की लंबाई दोगुनी करने पर ऐेमीटर का पाठयांक घटकर आधा रह जाता है। क्यों?
Use the formula $R=\rho \frac{l}{A}$. Also, $V = R I$ . $R$ is doubled while
$V$ remains unchanged. Hence current becomes $\frac {I}{2}$.
तीन सर्वसम बल्ब $B _{1}, B _{2}$ तथा $B _{3}$ चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। जब तीनों बल्ब चमकते हैं, तो ऐमीटर $A$ का पाठ्यांक $3 \,A$ होता है।
$(i)$ यदि बल्ब $B _{1}$ फ्यूज़ हो जाए, तो अन्य दो बल्बों की चमक पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(ii)$ यदि बल्ब $B _{2}$ फ्यूज़ हो जाए तो $A _{1}, A _{2}, A _{3}$ तथा $A$ के पाठ्यांकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(iii)$ जब तीनों बल्ब एक साथ चमकते हैं, तो परिपथ में कितनी शक्ति क्षय होती है?
कोई विध्युत केतली $220\, V$ पर प्रचालित होने पर $1 \,kW$ विध्युत शक्ति उपभुक्त करती है। इसके लिए किस अनुमतांक के फ्यूज़ तार का उपयोग किया जाना चाहिए? ($A$ में)
उस परिपथ (चित्र) को पहचानिए जिसमें वैध्युत अवयव उचित प्रकार से संयोजित हैं:
किसी विध्युत परिपथ में विध्युत स्त्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब $A , B , C$ जिनके अनुमतांक क्रमश: $40\, W , 60 \,W$ तथा $100 \,W$ हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा प्रकथन सत्य है?
किसी प्रयोग की सहायता से आप यह निष्कर्ष किस प्रकार निकालेंगे कि बैटरी से श्रेणीक्रम में संयोजित तीन प्रतिरोधकों के परिपथ के प्रत्येक भाग से समान धारा प्रवाहित होती है?