माना दो एकसमान सरल लोलक घड़ियाँ हैं। घड़ी-1 पृथ्वी के तल पर है, एवं घड़ी $- 2$ किसी स्पेस स्टेशन (अंतरिक्ष केन्द्र) में पृथ्वी के तल से $h$ ऊँचाई पर रखी है। घड़ी-1 एवं घड़ी- $2,4\,s$ एवं $6\,s$ के आवर्तकालों पर क्रियान्वित हाती है तो $h$ का मान $..........\,km$ होगा -
(माना पृथ्वी की त्रिज्या $R _{ E }=6400\,km$ एवं पृथ्वी पर $g =10\,m / s ^2$ )
$1200$
$1600$
$3200$
$4800$
एक नए ग्रह पर विचार कीजिए , जिसका धनत्व पृथ्वी के घनत्व के समान है, किंतु यह आकार में पृथ्वी से तीन गुना बड़ा है । यदि पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण $g$ हो तो नए ग्रह की सतह पर $g'$ होगा
पृथ्वी की सतह पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल ${T_1}$ है तथा पृथ्वी तल से $R$ ऊँचा पर इसका आवर्तकाल ${T_2}$ है, (जहाँ $R-$ पृथ्वी की त्रिज्या है) ${T_2}/{T_1}$ का मान है
पृथ्वी के पृप्ठ से कितनी ऊँचार्ई पर गुरुत्वीय विभव और गुरुत्वीय त्वरण $g$ के मान क्रमश: $-5.4 \times 10^{7} J$ $kg ^{-1}$ और $6.0\, ms ^{-2}$ होते हैं ? पृथ्वी की त्रिज्या $6400$ कि.मी. लीजिए
निम्न में से कौनसा कथन सत्य है
किसी पिण्ड का भार अधिकतम होगा