$10\,kg$ द्रव्यमान की एक वस्तु $10\,m/sec$ के वेग से नियत गति करती है। अब इस पर एक नियत बल $4\,sec$ के लिए आरोपित किया जाता है जिससे इसका वेग विपरीत दिशा में $2m/sec$ हो जाता है। इसमें उत्पन त्वरण ........ $m/{\sec ^2}$ होगा

  • A

    $3$

  • B

    $ - 3$

  • C

    $0.3$

  • D

    $ - 0.3$

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विरामावस्था से गति प्रारंभ करने वाले एक कण का त्वरण $a = 2(t - 1)$ है। $t = 5s$ पर कण का वेग होगा........मी/सै

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एक कार $'\alpha'$ की नियत दर से कुछ समय के लिए विरामावस्था से त्वरित होती है। कुछ समय पश्चात् कार $'\beta'$ की नियत दर से मंदित होती हुई विराम अवस्था में आ जाती है। यदि कुल लगा समय $'t'$ सेकण्ड है, तो चली गई कुल दूरी होगी।

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एक कण एक परिवर्ती बल के अन्तर्गत एकदिशिय ( $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश) गति कर रहा है। प्रारम्भ में इसकी मूल बिन्दु से दाहिनी ओर स्थिति $16$ मी. थी। समय के साथ इसकी स्थिति परिवर्तन को निम्न प्रकार दिया गया है; $\mathrm{x}=-3 \mathrm{t}^3+18 \mathrm{t}^2+16 \mathrm{t}$, जहाँ ($x$) मीटरर में तथा ($t$) सेकंड में है। कण का त्वरण शून्य होने पर इसका वेग. . . . . . . . .  .  मी./सें. होगा।

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किसी गतिशील वस्तु का वेग-समय ग्राफ चित्र में दर्शाया गया है। उस समयान्तराल में, जिसमें वस्तु का त्वरण तथा मंदन अशून्य रहता है, कुल विस्थापन है..........$m$

निम्न चित्र में किसी गतिशील वस्तु का $v - t$ ग्राफ दिया गया है। अधिकतम त्वरण है.........$\mathrm{cm/sec}^{2}$