एक आदर्श चालक के भीतर एक दीर्घवृत्तीय गुहिका (ellipsoidal cavity) स्थित है। गुहिका के केन्द्र पर एक धनात्मक आवेश $q$ रखा है। गुहिका की सतह पर दो बिन्दु $A$ और $B$ हैं। तब
गुहिका में बिन्दु $A$ के पास वैद्युत क्षेत्र = गुहिका में बिन्दु $B$ के पास वैद्युत क्षेत्र
गुहिका की सतह में से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स $q/{\varepsilon _0}$है
बिन्दु $A$पर विभव = बिन्दु $B$ पर विभव
दोनों $(b)$ और $(c)$
ऋण वैद्युत आवेश के चारों ओर बल रेखाएँ होती हैं
एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-
चित्र में दर्शाए गए वक्रों में से कौन संभावित स्थिरवैध्यूत क्षेत्र रेखाएँ निरूपित नहीं करते?
धातु का एक अनावेशित गोला दो आवेशित प्लेटों के बीच चित्र के अनुसार रखा गया है वैद्युत बल रेखाओं की प्रकृति किस प्रकार की होगी
एकसमान विद्युत क्षेत्र $E =3 \times 10^{3} \hat{ 1 } N / C$ पर विचार कीजिए
$(a)$ इस क्षेत्र का $10\, cm$ भुजा के वर्ग के उस पाश्व से जिसका तल $y z$ तल के समांतर है, गुजरने वाला फ्लक्स क्या है?
$(b)$ इसी वर्ग से गुजरने वाला फ्लक्स कितना है यद् इसके तल का अभिलंब $x$ -अक्ष से $60^{\circ}$ का कोण बनाता है?