एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-
$\;\frac{q}{{2{\varepsilon _0}}}$
$\frac{\phi}{3}$
$\;\frac{q}{{{\varepsilon _0}}}$ -$\phi$
$\frac{1}{2}$($\frac{q}{{{\varepsilon _0}}}$ -$\phi$)
किसी अनन्त समतल आवेशित चादर के सामने $d$ दूरी पर एक आवेश $+Q$ स्थित है। विद्युत बल रेखाओं का सही चित्रण होगा
${q_1},\;{q_2},\;{q_3}$ व ${q_4}$ बिन्दु आवेश चित्रानुसार स्थित हैं। $S$ एक $R$ त्रिज्या का गॉसीय पृष्ठ है। गॉस नियम के अनुसार निम्न में से क्या सही है
एक आवेश $q$ को घन के केन्द्र पर रखा गया है किसी भी फलक से गुजरने वाला फ्लक्स होगा:
चित्र में एक आवेशित पिण्ड से निकलने वाली वैद्युत बल रेखाएँ दिखाई गई हैं। यदि $A$ तथा $B$ पर वैद्युत क्षेत्र क्रमश: ${E_A}$ व ${E_B}$ हों तथा $A$ व $B$ के बीच की दूरी $r$ है तो
यदि बन्द पृष्ठ के लिए $\oint_s \vec{E} \cdot \overrightarrow{d S}=0$ है, तब :