एक इलेक्ट्रॉन पूर्व दिशा में गति कर रहा है। यदि ऊपर की ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये तो इलेक्ट्रॉन विक्षेपित होगा
दक्षिण की ओर
उत्तर की ओर
पश्चिम की ओर
पूर्व की ओर
द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण
$\overrightarrow{ E }=2 \hat{ i }+3 \hat{ j } ; \quad \overrightarrow{ B }=4 \hat{ j }+6 \hat{ k } \text {. }$
द्वारा दिये गये विधुत एवं चुम्बकीय क्षेत्र में है। इस आवेश को मूलबिन्दु से बिन्दु $P ( x =1 ; y =1)$ तक एक सीधी रेखा के पथ के अनुगत विस्थापित करते हैं। किये गये कुल कार्य का परिमाण है।
एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र को एक स्थिर इलेक्ट्रॉन पर आरोपित किया जाता है तब
आयनो के द्रव्यमान मापने के लिए एक द्रव्यमान मापी स्पैक्ट्रोमीटर में आयनो को पहले वैद्युत विभव $V$ द्वारा त्वरित कर फिर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ का प्रयोग कर $R$ त्रिज्या के अर्धवृत्तीय पथ पर चलाया जाता है। यदि $V$ और $B$ को नियत रखा जाए तो अनुपात (आयन पर आवेश/आयन का द्रव्यमान) समानुपाती होगा
दिए गये तार के खंड, जो $xy$ समतल पर रखे हैं, में प्रवाहित धारा द्वारा बिंदु $O$ पर उत्पन (created) चुम्बकीय क्षेत्र $\vec{B}$ को निम्न में से कौन सा एक विकल्प निरूपित (represents) करता है ?
$2.0 \mathrm{eV}$ गतिज ऊर्जा से एक प्रोटॉन $\frac{\pi}{2} \times 10^{-3} \mathrm{~T}$ परिमाण के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के परिसर में गति करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा एवं प्रोटॉन के वेग के बीच का कोण $60^{\circ}$ है। प्रोटॉन द्वारा तय किये गये हेलीकल पथ की पिच_________$\mathrm{cm}$ है (लिया है, प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.6 \times 10^{-27} \mathrm{~kg}$ एवं प्रोटॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{C}$ ).