एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र को एक स्थिर इलेक्ट्रॉन पर आरोपित किया जाता है तब
इलेक्ट्रॉन क्षेत्र की दिशा में गति करता है
इलेक्ट्रॉन क्षेत्र की विपरीत दिशा में गति करता है
इलेक्ट्रॉन स्थिर रहता है
इलेक्ट्रॉन चक्रण करना प्रारम्भ करता है
विभवान्तर से त्वरित प्रोटॉन को चित्रानुसार एक अभिलम्बवत् $0.51\;T$ के चुम्बकीय क्षेत्र से गुजारा जाता है। प्रोटॉन अपनी प्रारम्भिक दिशा से ......$^o$ कोण $\theta $ से विचलित होगा
एक आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते समय परिणामी बल अनुभव करता है
यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में $v$ वेग से एक प्रोटॉन प्रक्षेपित किया जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन बल रेखाओं की दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है तो
एक इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान = $9.1 \times {10^{ - 31}}$ $kg$; आवेश = $1.6 \times {10^{ - 19}}$ $C$) अविचलित रहता है, यदि इस पर $3.2 \times {10^5}$ $V/m$ तीव्रता का एक विद्युत क्षेत्र एवं $2.0 \times {10^{ - 3}}$ $Wb/m^2$ तीव्रता का चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये यदि विद्युत क्षेत्र को हटा लिया जाये तब इलेक्ट्रॉन जिस कक्षा में घूमेगा उसकी त्रिज्या......$m$ होगी
विभवान्तर $V$ से एक प्रोटॉन तथा एक $\alpha$-कण (जिनके द्रव्यमान का अनुपात $1: 4$ तथा आवेशों का अनुपात $1: 2$ है) को स्थिरावस्था से त्वरित करते हैं। यदि उनके वेगों के लम्बवत् एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ लगाया जाये तो इन कणों के वृत्ताकार पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $r _{ p }: r _{\alpha}$ होगा ।