एक इलेक्ट्रॉन एक चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के वेग के लम्बवत् है, तो
इलेक्ट्रॉन की चाल बढ़ेगी
इलेक्ट्रॉन की चाल घटेगी
इलेक्ट्रॉन की चाल वही रहेगी
इलेक्ट्रॉन का वेग वही रहेगा
$ - 16 \times {10^{ - 18}}$ कूलॉम का एक आवेशित कण $x$-अक्ष के अनुदिश $0.75\,A$ वेग से ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र $B,\,y$ दिशा के अनुदिश तथा विद्युत क्षेत्र जिसका परिमाण ${10^4}\,V/m$ ऋणात्मक $z$-अक्ष के अनुदिश है। यदि आवेशित कण $x$-अक्ष की दिशा में ही गति करता रहता है, तो ‘$B$’ का परिमाण होगा
दो आयनों, जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1:1$ एवं आवेशों का अनुपात $II$ $1 : 2$ है, को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रक्षेपित किया जाता है। इनकी चालों का अनुपात $2 : 3$ है। दोनों कणों द्वारा बनाये गये वृत्तीय पथोंं की त्रिज्याओं का अनुपात होगा
एक प्रोटॉन, एक ड्यूटॉन तथा एक $\alpha - $ कण समान विभवान्तर से त्वरित होकर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात है
एक समरूप चुम्बकीय प्रेरण ‘$B$’ में, $M$ द्रव्यमान तथा $Q$ आवेश का एक कण $\mathop v\limits^ \to $ वेग से $R$ त्रिज्या का वृत्तीय पथ बनाते हुये गतिशील है। जब कण $1$ पूर्ण चक्र लगाता है तो क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य है
$1\, MeV$ ऊर्जा वाला एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ व आवेश $+e$) चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार मार्ग में घूम रहा है। एक $\alpha $-कण की ऊर्जा (द्रव्यमान $4m$ व आवेश = $+2e$) .........$MeV$ होनी चाहिये जिससे यह समान त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में घूम सके