$1\, MeV$ ऊर्जा वाला एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ व आवेश $+e$) चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार मार्ग में घूम रहा है। एक $\alpha $-कण की ऊर्जा (द्रव्यमान $4m$ व आवेश = $+2e$) .........$MeV$ होनी चाहिये जिससे यह समान त्रिज्या के वृत्ताकार  मार्ग में घूम सके

  • A

    $1$

  • B

    $4$

  • C

    $2$

  • D

    $0.5$

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यदि किसी आवेशित कण का आरम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् है तो उसका पथ होगा

एक प्रोटॉन जिसकी ऊर्जा $200\, MeV$ है। $5 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र मे प्रवेश करता है। यदि क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है एवं आवेश के गति की दिशा ऊपर की ओर हो तो इस पर कार्यरत बल होगा

समान गतिज ऊर्जा के ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ +  + }}$ आयन एक ऐसे क्षेत्र से होकर गुजरते हैं जहाँ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ आयन के वेग के लम्बवत् हैं। आयन ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ +  + }}$ के द्रव्यमान क्रमश: $1:4:16 $ के अनुपात में है। परिणामस्वरुप

ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\, kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15 \,T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुंबकीय क्षेत्र $(a)$ प्रारंभिक वेग के लंबवत है $(b)$ प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है।

$1 \times 10^{-4} Wbm ^{-2}$ के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में $0.1 keV$ ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन चलता है। इलेक्ट्रॉन के परिक्रमण की आवृत्ति होगी: (माना इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9.0 \times 10^{-31} kg$ )

  • [JEE MAIN 2022]