चित्र में दिखाये गये बक्से से होकर विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=4 xi -\left( y ^{2}+1\right) \hat{ j } N / C$ निकलता है। यदि बक्से के $ABCD$ तथा $BCGF$ समतलों में से होकर जाने वाले फ्लक्स का मान क्रमश: $\phi_{ I }$ तथा $\phi_{ II }$ है तब इनमें अन्तर $\left(\phi_{ I }-\phi_{ II }\right)$ $\left( Nm ^{2} / C \right)$ में होगा $......$
$48$
$52$
$56$
$60$
$\alpha $ भुजा वाले एक घन के केन्द्र पर एक विद्युत आवेश $q$ रखा गया है। इसके फलकों में से एक फलक पर वैद्युत अभिवाह (electric flux) का मान होगा
एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
एक आवेश Q को एक घन के किनारे पर रखा जाता है। इसकी प्रत्येक फलक से निकलने वाला वैधुत फ्लक्स होगा :
असत्य कथन छाँटिए :
$(a)$ गौसीय सतह में प्रवेश करने वाली विधुत बल रेखाएं ऋणात्मक फ्लक्स प्रदान करती है।
$(b)$ एक आवेश $'q'$ एक घन के केन्द्र पर रखा है। सभी फलको से निर्गत फ्लक्स समान होगा।
$(c)$ एक समान विधुत क्षेत्र में कोई आवेश न रखने वाली बन्द गौसीय सतह से निर्गत परिणामी फ्लक्स शून्य होता है।
$(d)$ जब विधुत क्षेत्र गौसीय सतह के समान्तर होती है, तो यह परिमित अशून्य फ्लक्स प्रदान करती है।
नीचे दिए गये विकल्पों में उपयुक्त उत्तर चुनिए :