$l$ लम्बाई के एक वृत्ताकार तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। इसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ (पृष्ठ के बाहर की ओर) में इस प्रकार रखा गया है कि इसका तल चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ की दिशा के लम्बवत् है। यह तार अनुभव करेगा
कोई बल नहीं
एक तनन बल
एक संपीडक बल
एक बलाघूर्ण
एक तार जिसमें $8\,A$ विध्यूत धारा प्रवाहित हो रही है, $0.15\, T$ के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र से $30^{\circ}$ का कोण बनाते हुए रखा है। इसकी एकांक लंबाई पर लगने वाले बल का परिमाण और इसकी दिशा क्या है?
$A$ और $B$ दो चालक हैं। दोनों में $I$ ऐम्पियर की धारा एक ही दिशा में बह रही है $x$ एवं $y$ दो इलेक्ट्रॉन पुंज एक ही दिशा में गतिमान हैं। तब
$0.1\, m$ की दूरी पर एक-दूसरे के समान्तर स्थित दो तारों में से प्रत्येक में $5\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर लगने वाले बल का मान होगा
$L$ लम्बाई के तार की किसी भी आकृति की बंद कुण्डली में $I$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित होती है। यदि कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ के लम्बवत् हो तो कुण्डली पर बल लगेगा
$40 \mathrm{~g}$ द्रव्यमान तथा $50 \mathrm{~cm}$ लम्बाई का एक सीधा तार $\mathrm{AB}$ को लचीले तार द्वारा $0.40 \mathrm{~T}$ परिमाण के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रदर्शित चित्र अनुसार लटकाया गया है। आधार से लगी लीडों का तनाव खत्म करने के लिए तार में आवश्यक धारा का परिमाण_____________$\mathrm{A}$ होगा (दिया है $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ).