$A$ और $B$ दो चालक हैं। दोनों में $I$ ऐम्पियर की धारा एक ही दिशा में बह रही है $x$ एवं $y$ दो इलेक्ट्रॉन पुंज एक ही दिशा में गतिमान हैं। तब
$A$ और $B$ के बीच प्रतिकर्षण एवं $x$ और $y$ के बीच आकर्षण होगा
$A$ और $B$ के बीच आकर्षण एवं $x$ और $y$ के बीच प्रतिकर्षण होगा
$A$ और $B$ के बीच प्रतिकर्षण एवं $x$ और $y$ के बीच भी प्रतिकर्षण होगा
$A$ और $B$ के बीच प्रतिकर्षण एवं $x$ और $y$ के बीच भी प्रतिकर्षण होगा
दो लम्बे सीधे तार $P$ तथा $Q$ को एक दूसरे के समान्तर $5\ cm$ की दूरी पर रखा गया है जिनमें प्रवाहित धारा $10 \ A$ है। तार $P$ के $10 \ cm$ लम्बे भाग में लगने वाले चुम्बकीय बल का परिमाण $F_1$ है। यदि तारों में बहने वाली धारा दोगुनी तथा उनके बीच की दूरी आधी कर दी जाती है, तब $10 \ cm$ लम्बाई के $P$ तार पर लगने वाले बल $F _2$ का मान होगा:
एक आयताकार कुण्डली में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इस कुण्डली को तार के समीप इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी एक भुजा तार के समानान्तर रहे। यदि तार में से स्थायी धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, तब कुण्डली
$0.1\, m$ की दूरी पर एक-दूसरे के समान्तर स्थित दो तारों में से प्रत्येक में $5\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर लगने वाले बल का मान होगा
दो समांतर लंबे तार जिनमें प्रत्येक में $xA$ विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है, एक दूसरे से $0.20\,m$ की दूरी पर रखे हैं। यदि प्रत्येक तार की एकांक लम्बाई पर आकर्पण बल $2 \times 10^{-6} N$ है, तो $x$ का मान लगभग होगा-
एक त्रिभुजाकार तार जिसमें $10\,A$ मान की धारा प्रवाहित हो रही है, इसको $0.5\,T$ मान के किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। $CD$ भाग पर आरोपित चुम्बकीय बल का मान $............\,N$ हैं (दिया है $BC = CD = BD =5\,cm$ ).