एक $\alpha$-कण $1.2$ $बेवर/मीटर^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $0.45\;m$ की त्रिज्या क व्त्ताकार पथ में घूम रहा है। यदि इसका वेग $2.6 \times {10^7}m/s$ हो तो $\alpha$-कण का परिभ्रमण काल होगा
$1.1 \times {10^{ - 5}}\,\sec $
$1.1 \times {10^{ - 6}}\sec $
$1.1 \times {10^{ - 7}}\,\sec $
$1.1 \times {10^{ - 8}}\,\sec $
If $\frac{x_0}{x_1}=3$, the value of $\frac{R_1}{R_2}$ is.
दो समान्तर तार कागज के तल के तल में एक दूसरे से $X_0$ दूरी पर है। दोनों तारों के बीच एक बिन्दु आवेश, जो उसी तल में है तथा एक तार से $X _1$ दूरी पर है चाल $u$ से गतिमान है। जब तारों में परिणाम $I$ की विधुत धारा एक दिशा में प्रवाहित की जाती है, बिन्दु आवेश के पथ की वक्रता त्रिज्या $R_1$ हैं। इसके विपरित यदि दोनों तारों में धारा $I$ की दिशा एक दूसरे के विपरीत हो, तब पथ की त्रिज्या $R_2$ है। यदि $\frac{x_0}{x_1}=3$, तब $\frac{R_1}{R_2}$ का मान है।
एक इलेक्ट्रॉन जिसका आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ और द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ है $2 \times {10^{ - 1}}\,tesla$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $4 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से वृत्तीय कक्ष में घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला बल और वृत्तीय कक्ष की त्रिज्या का मान है
$q$ आवेश एवं $m$ द्रव्यमान का एक कण $v$ वेग से गति करता हुआ चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में लम्बवत् प्रवेश करता है, तो उसके द्वारा बनाये गये वृत्ताकार पथ की त्रिज्या होगी
एक इलेक्ट्रॉन पूर्व की दिशा में क्षैतिज गति कर रहा है। ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत एक चुम्बकीय क्षेत्र, इस इलेक्ट्रॉन पर निम्न दिशा में बल आरोपित होगा
एक पतली धातु शीट पृष्ठ के लम्बवत रखी है और चित्र में दिखाई दिशा में वेग $'v'$ से एक समान चुम्बकीयक्षेत्र $B$ में चल रही है। चुम्बकीय-क्षेत्र इस समतल पृष्ठ में प्रवेश कर रहा है। यदि इस शीट की बाईं और दाईं सतहों पर क्रमशः पृष्ठ-आवेश-घनत्व $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ प्रेरित होते हैं, तब उपांत-प्रभाव को नगण्य मानते हुए $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ के मान होंगे