एक लम्बे तार को, जिसमें $i$ धारा प्रवाहित हो रही है, चित्रानुसार मोड़ा गया है। चाप $AB$ त्रिज्या $r$ के वृत्त का एक-चौथाई भाग है। केन्द्र $C$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा है

128-90

  • A

    कागज तल से  $\pi  / 4$ कोण पर

  • B

    कागज तल के लम्बवत् अन्दर की ओर

  • C

    कोण $ACB$ के कोणार्धक के अनुदिश $AB$ की ओर

  • D

    कोण $ACB$ के कोणार्धक के अनुदिश $AB$ से दूर

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नीचे दो कथन दिए गए हैं :

कथन $I:$बायो सावर्ट का नियम केवल हमें, किसी धारावाही चालक के अत्यंत सूक्ष्म धारा अवयव $(Idl)$ के चुम्बकीय क्षेत्र की क्षमता (स्ट्रैन्थ) का व्यंजक प्रदान करता है।

कथन $II$:बायो सावर्ट का नियम, आवेश $q$ के कुलाम्ब के व्युत्क्रम वर्ग नियम के अनुरूप है, जिसमें पहला एक अदिश स्रोत Idl द्वारा उत्पन्न क्षेत्र से सम्बंधित है, जबकि बाद वाला सदिश स्रोत $q$ द्वारा उत्पन्न क्षेत्र से सम्बंधित है।

उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से

  • [NEET 2022]

$\hat i,\;\hat j$ एवं $\hat k$ इकाई सदिशों को चित्र में दर्शाया गया है। नीचे दिये गये चित्र में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा

किसी धारावाही चालक के समीप उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र किस नियम से दिया जाता है

दो संकेन्द्री कुण्डलियाँ, जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $2\pi \,{\rm{ }}cm$ है, एक-दूसरे के लम्बवत् रखी हैं। इनमें से एक कुण्डली में $3$ ऐम्पियर तथा दूसरी में $4$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है। इन कुण्डलियों के केन्द्र पर बेवर प्रति मीटर$^2$ में चुम्बकीय प्रेरण होगा $({\mu _0} = 4\pi  \times {10^{ - 7}}\,Wb/A.m)$

  • [AIEEE 2005]

$0.5\, m$ त्रिज्या तथा $50$ फेरों वाली कुण्डली से बहने वाली धारा यदि $2 \,A$ है तो इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा