$\hat i,\;\hat j$ एवं $\hat k$ इकाई सदिशों को चित्र में दर्शाया गया है। नीचे दिये गये चित्र में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{i}{a}\left( {2 - \frac{\pi }{2}} \right)\,\hat j$
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{i}{a}\left( {2 + \frac{\pi }{2}} \right)\,\hat j$
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{i}{a}\left( {2 + \frac{\pi }{2}} \right)\,\hat i$
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{i}{a}\left( {2 + \frac{\pi }{2}} \right)\,\hat k$
$20 \mathrm{~cm}$ त्रिज्या के दो एकसमान वृत्ताकार तारों को चित्रानुसार लम्बवत तलों में रखा है और इनमें प्रवाहित धारा $\sqrt{2} \mathrm{~A}$ है। वृत्ताकार तारों के केन्द्र पर कुल चुम्बकीय क्षेत्र_____________$\times 10^{-8} \mathrm{~T}$ है। (लिया है, $\pi=3.14$ )
एकसमान तार को मोड़कर $R$ त्रिज्या का एक वृत्त बनाया गया है। धारा $I$ बिन्दु $A$ पर प्रवेश करती है और बिन्दु $C$ से निकल जाती है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यदि लम्बाई $ ABC$ लम्बाई $ADC$ की आधी है, तो केन्द्र $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
निम्न चित्र में एक खोखले बेलनाकार चालक का अनुप्रस्थ परिच्छेद दिखाया गया है। जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ एवं बाहरी त्रिज्या $2R$ है। बेलन से समान रूप से वितरित अक्ष के अनुदिश धारा बह रही है। बेलन के अक्ष से $\frac{{3R}}{2}$ की दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
प्रत्येक $100$ फेरों वाली दो समान वृत्ताकार कुंडलियों $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ की एक समान त्रिज्या $\pi$ सेमी. है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{R}$ में धारा क्रमशः $1 \mathrm{~A}$ तथा $2 \mathrm{~A}$ है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ को उभयनिष्ठ केन्द्र के साथ तथा पारस्परिक लम्बवत तलों के साथ रखा गया है। कुंडलियों के केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field induction) $\sqrt{\mathrm{x}} \mathrm{mT}$ है, जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . . [दिया है $\mu_0=4 \pi \times 10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ ]
हाइड्रोजन परमाणु में, एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ $0.52\,\mathring A$. त्रिज्या वाली कक्षा में $6.76 \times 10^6 \mathrm{~ms}^{-1}$ की चाल से घूमता है। हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान_____________ $\mathrm{T}$ है।