नीचे बाईं ओर के चित्र में एक एकसमान वर्गाकार लकड़ी की पट्टी दिखाई गई है जिसकी एक भुजा की लंबाई $a$ तथा द्रव्यमान केंद्र $O$ पर है। इस पट्टी को $L$ आकार का बनाने के लिए इसमें से $b$ लंबाई की भुजा वाली एक वर्गाकार पट्टी काट ली जाती है जो कि दाईं ओर के चित्र में दिखाई गई है। इस $L$ आकार की पट्टी का द्रव्यमान केंद्र चित्र में दिखाये गए बिन्दु $P$ पर होगा यदि
$a / b=(\sqrt{5}-1) / 2$
$a / b=(\sqrt{5}+1) / 2$
$a / b=(\sqrt{3}-1) / 2$
$a / b=(\sqrt{3}+1) / 2$
$50\, g , 100 \,g$ तथा $150 \,g$ के तीन कणों को चित्रानुसार $1\, m$ भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के कोनों पर रखा है। इस निकाय के द्रव्यमान केन्द्र ( $x$ तथा $y$ ) के निर्देशांक होंगे।
त्रिज्या $a$ की एक वृत्ताकार डिस्क केन्द्र $'O^{\prime}$ से $d=\frac{a}{2}$ दूरी पर $l=\frac{ a }{2}$ भुजा का एक वर्गाकार छिद्र काटा जाता है। यदि बचे हुए हिस्से का संहति-केन्द्र $O$ से $-\frac{ a }{ X }$ दूरी पर हो तो $x$ किस पूर्णाक के निकटतम है $.....$।
दो कण जिनके द्रव्यमान क्रमश: $m_1$ व $m_2$ हैं, विराम अवस्था से एक दूसरे की ओर अपने पारस्परिक आकर्षण बल के प्रभाव के अन्तर्गत गति करते हैं। उनके द्रव्यमान केन्द्र की चाल उस समय t पर क्या होगी, जब उनके मध्य की दूरी $r$ है
उपेक्षणीय द्रव्यमान की $1 \,m$ लम्बी किसी दृढ़ छड़ के दो सिरों से $5 \,kg$ और $10\, kg$ द्रव्यमान के दो कण जुड़े हैं। $5\, kg$ के कण से इस निकाय के संहति केन्द्र की दूरी (लगभग) है :