एक इलेक्ट्रॉन पुंज को दायीं ओर क्षैतिज दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है। एक सीधे धारावाही चालक को इलेक्ट्रॉन पुंज के समान्तर एवं इसके ऊपर रखा गया है। यदि चालक में धारा बायी ओर से दायीं ओर है तब

  • A

    इलेक्ट्रॉन पुंज ऊपर की ओर खिंचेगा

  • B

    इलेक्ट्रॉन पुंज नीचे की ओर खिंचेगा

  • C

    इलेक्ट्रॉन पुंज अवमंदित हो जायेगा

  • D

    इलेक्ट्रॉन पुंज की गति दाँयी तरफ बढ़ जायेगी

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एक इलेक्ट्रॉन पुंज एवं एक प्रोटॉन पुंज एक दूसरे के समान्तर एक ही दिशा में गतिमान हैं। तब ये

एक रेखीय चालक जिसकी लम्बाई $40\, cm$ है तथा इसमें $3\, A$ धारा बह रही है, $500$ गॉस तीव्रता के एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है। अगर चालक चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ $ का कोण बनाता है तो उस पर लगने वाले बल का मान होगा

दो लम्बे तार स्वतन्त्रापूर्वक लटके हैं। यदि इन्हें पहले समान्तर-क्रम में, फिर श्रेणीक्रम में जोड़कर एक बैटरी से जोड़ा जाये तो दोनों दशा में दोनों तारों के बीच कैसा बल लगेगा

जैसा कि निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है, एक प्रयोग में विन्यास $A$ के अनुसार दो समानान्तर तारों में विपरीत दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है. दूसरा विन्यास $B$ पहले विन्यास $A$ के समरूप है, परन्तु इस विन्यास में दोनों तारों के बीच एक धातु की प्लेट रखी गयी है। यदि मान लें कि बिन्यास $A$ एवं $B$ में दोनों तारों के बीच लगे बलों का मान क्रमशः $F_{ A }$ एवं $F_{ B }$ है, तो

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दो लम्बे धारावाही समान्तर चालक तार $8\,cm$ की दूरी पर रखे गए है। दोनों चालको में धारा प्रवाह के कारण यदि मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण $300\,\mu T$ है तो दोनों चालको में प्रवाहित होने वाली समान धारा होगी:

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