$3.2\,m$ लम्बे स्टील के तार $\left( Y _{ S }=2.0 \times 10^{11}\right.$ $Nm ^{-2}$ ) एवं $4.4\,M$ लम्बे ताँबे के तार $\left( Y _{ C }=1.1 \times 10^{11} Nm ^{-2}\right)$ की त्रिज्याऐं समान $1.4\,mm$ की हैं, इन दोनों तारों के सिरे एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब यह किसी लोड के द्वारा खीचें जाते हैं, तो परिणामी प्रसार का मान $1.4\,mm$ है। आरोपित भार (लोड) का मान न्यूटन में होगा : (दिया है : $\pi=\frac{22}{7}$ )
$360$
$180$
$1080$
$154$
किसी सर्कस में एक मानवीय पिरैमिड में एक संतुलित गुप का सारा भार एक व्यक्ति, जो अपनी पीठ के बल लेटा हुआ है, के पैरों पर आधारित है ( जैसा चित्र में दिखाया गया है) इस कार्य का निष्यादन करने वाले सभी व्यक्तियों, मेजों, प्लाकों आदि का कुल द्रव्यमान $280\, kg$ है। पिरैमिड की तली पर अपनी पीठ के बल लेटे हुए व्यक्ति का द्रव्यमान $60 \,kg$ है। इस व्यक्ति की प्रत्येक उर्वस्थि ( फीमर) की लंबाई $50 \,cm$ तथा प्रभावी त्रिज्या $2.0\, cm$ है। निकालिए कि अतिरिक्त भार के कारण प्रत्येक उर्वस्थि कितनी मात्रा से संपीडित हो जाती है।
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $10^{-4} \,m ^2$ वाली धातु की एक छड़ किसी कक्ष में $20^{\circ} C$ तापमान पर लटक रही है। छड़ के मुक्त सिरे पर एक भार लटका हुआ है। छड़ के तापीय विस्तार का स्थिरांक $2.5 \times 10^{-6} K ^{-1}$ है तथा यंग मापांक $4 \times 10^{12} \,N / m ^2$ हैं। जब कक्ष के तापमान को $T$ तक कम किया जाता है, तब छड़ के सिरे पर $5000 \,N$ का भार लटकाया जाता है ताकि छड़ की लम्बाई अपरिवर्तित रहे। तब $T$ का मान ........... $^{\circ} C$ निम्न है।
$1$ मीटर लम्बे एवं $1$ मिलीमीटर$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले लोहे के तार को दृढ़ आधार से लटकाया गया है। जब इससे $1$ किलोग्राम भार को लटकाया जाता है तब इसकी लम्बाई में परिवर्तन..... $mm$ होगा $(Y = 2 \times {10^{11}}N/{m^2})$
इस्पात के एक तार को उसकी लम्बाई से $1.1$ गुना खींचना है। तार का अनुप्रस्थ काट $1$ वर्ग सेमी है तथा यंग का गुणांक $2 \times {10^{11}}\,\,N{m^{ - 2}}$ है, इसके लिए बल की आवश्यकता होगी
एक ही पदार्थ के दो $4$ मी लम्बे तारों के व्यास का अनुपात $n : 1$ है। समान भार आरोपित करने पर पतले तार की लम्बाई में वृद्धि होती है