अनुक्रम, जिसका $n$ वाँ पद $\left( {\frac{n}{x}} \right) + y$ हो, तो श्रेणी के $r$ पदों का योगफल होगा
$\left\{ {\frac{{r(r + 1)}}{{2x}}} \right\} + ry$
$\left\{ {\frac{{r(r - 1)}}{{2x}}} \right\}$
$\left\{ {\frac{{r(r - 1)}}{{2x}}} \right\} - ry$
$\left\{ {\frac{{r(r + 1)}}{{2y}}} \right\} - rx$
$1$ से $2001$ तक के विषम पूर्णांकों का योग ज्ञात कीजिए।
माना एक समान्तर श्रेढ़ी के प्रथम $n$ पदों का योगफल $S _{ n }$ है। यदि $S _{3 n }=3 S _{2 n }$ है, तो $\frac{ S _{4 n }}{ S _{2 n }}$ बराबर है
एक राशि, दूसरी राशि की व्युत्क्रम है। यदि दोनों राशियों का समान्तर माध्य $\frac{{13}}{{12}}$ है, तो राशियाँ होंगी
$p,\;q,\;r$ समान्तर श्रेणी में एवं धनात्मक हैं तो वर्ग समीकरण $p{x^2} + qx + r = 0$ के मूल वास्तविक होंगे, यदि
माना एक समांतर श्रेढ़ी के प्रथम तीन पदों का योग $39$ है तथा इसके अंतिम चार पदों का योग $178$ है। यदि इस समांतर श्रेढ़ी का प्रथम पद $10$ है, तो इस समांतर श्रेढ़ी का माध्यक है