$l$ लम्बाई तथा $A$ अनुप्रस्थ परिच्छेद की लोहे की छड़ को $0°C$ से $100°C$ तक गर्म किया गया है। यदि इस छड़ को इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी लम्बाई को बढ़ने नहीं दिया जाता हैए तो इसमें उत्पन्न बल $F$ समानुपाती रहता है

  • A

    $l$ के

  • B

    ${l^{ - 1}}$ के

  • C

    $A$ के

  • D

    ${A^{ - 1}}$ के

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स्टील के लिए त्रोटन बिन्दु पर यंग प्रत्यास्थता गुणांक तथा विकृति क्रमश: $2 \times {10^{11}}\,N{m^{ - 2}}$ तथा $0.15$  है। अत: स्टील के लिए त्रोटन बिन्दु पर प्रतिबल होगा

चित्र में दिखाए गए प्रत्येक तीनों गुटकों $\mathrm{P}, \mathrm{Q}$ व $\mathrm{R}$ का द्रव्यमान $3 \mathrm{~kg}$ है। प्रत्येक तार $\mathrm{A}$ व $\mathrm{B}$ का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल $0.005 \mathrm{~cm}^2$ तथा यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times 10^{11} \mathrm{Nm}^{-2}$ है। घर्षण को नगण्य मानकर, तार B में अनुदैर्ध्य विकृति. . . . . . . . $\times 10^{-4}$ है।

(दिया है, $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ )

  • [JEE MAIN 2024]

एक $100 N$ भार वाले गुटके को ताँबे और स्टील के तारों, जिनका अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल (cross sectional area) एकसमान तथा $0.5 cm ^2$ है और लम्बाई क्रमश : $\sqrt{3} m$ तथा $1 m$ है, द्वारा लटकाया जाता है। तारों के दूसरे छोर छत पर चित्रानुसार जुड़े हुए है। तांबे और स्टील के तार क्रमशः छत से $30^{\circ}$ और $60^{\circ}$ का कोण काते है। यदि तांबे के तार में लम्बाई वृद्धि $\left(\Delta \ell_{ c }\right)$ तथा स्टील के तार में लम्बई वृद्धि $\left(\Delta \ell_{ s }\right)$ है तब $\frac{\Delta \ell_{ C }}{\Delta \ell_{ S }}=\ldots$ है। [तांबे और स्टील का यंग गुणांक (Young's modulus) क्रमश: $1 \times 10^{11} N / m ^2$ तथा $2 \times 10^{11} N / m ^2$ है]

  • [IIT 2019]

पीतल की किसी छड़ का व्यास $4$ मिमी है तथा यंग प्रत्यास्था गुणांक $9 \times {10^{10}}\,N/{m^2}$ है।  छड़ की लम्बाई में $0.10\%$ की वृद्धि करने में निम्न बल की आवश्यकता होगी

एक रबर का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $10^4$ न्यूटन/मी${^2}$ एवं अनुप्रस्थ क्षेत्रफल $2$ सेमी ${^2}$ है। यदि उस पर $2 \times {10^5}$ डाइन का बल लगाया जाता है, तो उसकी लम्बाई प्रारम्भिक लम्बाई $L$ से कितना गुनी हो जाती है