एक प्रोटोन आकाश के एक परिसर में बिना वेग परिवर्तन के एक नियत वेग से गति करता है। यदि $\overrightarrow{\mathrm{E}}$ तथा $\overrightarrow{\mathrm{B}}$ क्रमशः वैद्युत क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र हों तो आकाश के उस परिसर में होगा :

($A$) $\mathrm{E}=0, \mathrm{~B}=0$

($B$) $\mathrm{E}=0, \mathrm{~B} \neq 0$

($C$) $\mathrm{E} \neq 0, \mathrm{~B}=0$

($D$) $\mathrm{E} \neq 0, \mathrm{~B} \neq 0$

नीचे दिये गये कथनों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए :

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    केवल $(A),(B)$ तथा $(C)$

  • B

    केवल $(A),(C)$ तथा $(D)$

  • C

    केवल $(A)$, (B) तथा $(D)$

  • D

    केवल $(\mathrm{B}),(\mathrm{C})$ तथा $(\mathrm{D})$

Similar Questions

$r$ त्रिज्या के वृत्ताकार धात्विक चालक में से $i$ धारा प्रवाहित हो रही है। इसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में इस प्रकार रखा गया है कि चुम्बकीय क्षेत्र लूप के तल के लम्बवत् है। लूप पर लगने वाला चुम्बकीय बल होगा

  • [IIT 1983]

चित्र में दिखाये गये तीन लम्बे सीधे धारावाही चालकों $P, Q$ एवं $R$ में प्रवाहित धारायें कागज तल के अभिलम्बवत् हैं। सभी तीनों धाराओं के परिमाण समान हैं। निम्न में से कौनसा तीर तार $P$ पर कार्यरत बल की दिशा को सही व्यक्त करता है

दो लम्बे, सीधे, समान्तर तारों के बीच की दूरी $d$ है। इनसे $I _{1}$ तथा $I _{2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं ( जिनके मान समायोजित किये जा सकते हैं) यदि इन तारों के बीच प्रतिकर्षण होने पर इनके बीच बल $' F '$ को 'धनात्मक' तथा इन के बीच आकर्षण होने पर बल $F$ को ऋणात्मक माना जाय तो, $I _{1}$ तथा $I _{2}$ के गुणनफल $\left( I _{1} I _{2}\right)$ पर ' $F ^{\text {' }}$ के निर्भर होने को कौन सा ग्राफ ठीक (सही) दर्शाता है ?

  • [JEE MAIN 2015]

दो बहुत लम्बे, सरल रेखीय, समानान्तर चालक $A$ एवं $B$ एकदूसरे से $10\,cm$ की दूरी पर रखे हैं, जिनमें क्रमशः $5\,A$ एवं $10\,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। दोनों चालकों में धारा की दिशा समान है। चालकों के बीच प्रति इकाई लम्बाई पर लगने वाला बल है :$\left(\mu_0=4 \pi \times 10^{-7}\right.$ $SI$ मात्रक)

  • [NEET 2022]

एक सीधे धारावाही चालक में $5A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। एक इलेक्ट्रॉन चालक के समान्तर $0.1$ मीटर की दूरी पर $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से गति कर रहा है, इस पर लगने वाला बल है